‘मोदी भैया’ को भेजने के लिए वृंदावन की विधवाओं ने बनाईं राखियां
‘मोदी भैया’ को भेजने के लिए वृंदावन की विधवाओं ने बनाईं राखियां

‘मोदी भैया’ को भेजने के लिए वृंदावन की विधवाओं ने बनाईं राखियां

- भैय्या मोदी से मिलना संभव नहीं, हमारे हाथ की बनी राखी उन तक पहुंच जाएंगी: विधवा महिला महेश कुमार मथुरा, 31 जुलाई (हि.स.)। वृंदावन नगर में रहने वाली वृद्ध विधवा महिलाएं अपना भाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मानती हैं। पिछले वर्ष सुलभ इंटरनेशनल फाउंडेशन ने दिल्ली जाकर पीएम को राखी बांधी थी लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते उन्होंने थीम और मास्क वाली राखियां बनाई हैं जो वह रक्षाबंधन पर पीएम के पास भेजने वाली हैं। वृंदावन में सुलभ इंटरनेशनल के आश्रमों में रहने वाली विधवाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष थीम वाले मुखौटे और राखियां भेजती हैं, जिन्हें वे “भैया“ या भाई कहती हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल ये विधवाएं मोदी से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल पाएंगी। विधवाओं ने इस बार पीएम मोदी के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मुखौटों की छवियों के साथ राखियां बनाई हैं। इन्हें एक संदेशवाहक के जरिये नई दिल्ली में प्रधान मंत्री को भेजा जाएगा। मोदी की छवियों वाली राखी वृंदावन में मां शारदा और मीरा सगभाजिनी आश्रम में रहने वाली वृद्ध विधवाओं ने बनाई है। सुलभ इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने बताया कि विधवापन के सामाजिक कलंक को तोड़ने की पहल करते हुए सभी वैदिक अनुष्ठानों और त्योहार समारोहों में इन्हें शामिल करना शुरू कर दिया है। कोरोनो वायरस संकट ने इन विधवाओं को निराश कर दिया लेकिन इससे उनकी भावनाएं चकनाचूर नहीं हुईं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए राखियां और विशेष वृंदावन-थीम वाले मुखौटे तैयार करना शुरू कर दिया था। फाउंडेशन की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया कि कुछ राखियों में ढके चेहरों के साथ प्रधानमंत्री की तस्वीरें हैं। 75 वर्षीय छबी दासी इस बात से खुश हैं कि उनकी राखी किसी तरह प्रधानमंत्री तक पहुंच रही हैं। मैंने व्यक्तिगत रूप से ‘स्टे सेफ’ और आत्म निर्भर भारत’ जैसे संदेशों के साथ राखियां डिज़ाइन की हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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