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उपराष्ट्रपति ने राजनैतिक दलों से आरक्षण पर सहमति बनाने का किया आग्रह

- संसद और विधान सभाओं में बढ़ते व्यवधानों पर चिंता व्यक्त की नई दिल्ली/हैदराबाद, 23 फरवरी (हि. स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर चिंता व्यक्त करते हुए इस परम्परा को समाप्त करने का आह्वान किया तथा उन्हें आरक्षण देने के मुद्दे पर सभी राजनैतिक दलों से सहमति बनाने का आग्रह किया। पूर्व विधायक, शिक्षाविद् और समाज सुधारक स्वर्गीय ईश्वरी बाई की स्मृति में डाक टिकट जारी करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में ईश्वरी बाई का योगदान अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की नेता के रूप में ईश्वरी बाई ने जन अपेक्षाओं को स्वर दिया। वे सदैव बच्चों, शिक्षकों, कृषि मजदूरों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के हित में आवाज़ उठाती रहीं। नायडू ने कहा कि 28वीं लोकसभा में सर्वाधिक 78 महिला सांसद हैं जो कि कुल संख्या का मात्र 14 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं के आरक्षण ने लाखों महिलाओं का सशक्तिकरण किया है जिसे शीघ्र ही संसद और विधान सभाओं तक बढ़ाना जरूरी है तथा इसके लिए राजनैतिक दलों में सहमति आवश्यक है। संसद और विधान सभाओं में सार्थक विमर्श और बहस की जगह बढ़ते व्यवधानों पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी सांसदों और जन प्रतिनिधियों से हर फोरम पर बहस के स्तर को सुधारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा एक स्वस्थ लोक तंत्र के लिए बातचीत, बहस और निर्णय यही मंत्र है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बारबार होने वाले व्यवधान जनमत का अपमान है। उन्होंने कहा कि " असहमति पर सहमत होना और जनमत को स्वीकार करना" यही लोकतंत्र की कसौटी है। वेंकैया ने कहा कि विधाई निकायों की सार्थकता सिद्ध करना यह सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने राजनैतिक दलों से सुरक्षा, भ्रष्टाचार निवारण, सामाजिक न्याय जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर आम सहमति बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तेज़ विकास सुनिश्चित करने, योजनाओं में देरी और ढिलाई को दूर करने के लिए तथा योजनाओं के लाभ जरूरतमंदों तक उपलब्ध कराने के लिए, सुधारों पर आम सहमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि "इसी प्रकार जन सशक्तिकरण, शासन तंत्र में पारदर्शिता, जवाबदारी के मुद्दे पर सभी दलों को एक स्वर में बोलना चाहिए।" उपराष्ट्रपति ने सभी दलों से अपने सदस्यों विशेषकर जन प्रतिनिधियों के लिए आचार संहिता बनाने का आग्रह किया। वेंकैया ने लोगों से भी आग्रह किया कि वे 4C - कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर, कैपेसिटी के आधार पर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करें। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि दुर्भाग्यवश दूसरे ही 4C - कैश, कास्ट, क्रिमिनलिटी, कम्युनिटी हमारी राजनीति पर छाए हुए हैं जिन्हें भारत के लोकतंत्र से पूरी तरह से समाप्त किया जाना जरूरी है तभी भारत में लोकतंत्र पूरी तरह से विकसित हो सकता है और अन्य देशों के लिए आदर्श खड़ा कर सकता है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली, ईश्वरी बाई स्मृति ट्रस्ट की चेयरमैन गीता रेड्डी, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल एस राजेंद्र कुमार, एनसीपीसीआर की अध्यक्ष प्रो शांता सिन्हा तथा पूर्व मंत्री के जना रेड्डी भी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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