अदालत ने वरवर राव की स्वास्थ्य स्थिति पर मांगी रिपोर्ट, NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में प्रोफेसर हनी बाबू को किया गिरफ्तार
अदालत ने वरवर राव की स्वास्थ्य स्थिति पर मांगी रिपोर्ट, NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में प्रोफेसर हनी बाबू को किया गिरफ्तार

अदालत ने वरवर राव की स्वास्थ्य स्थिति पर मांगी रिपोर्ट, NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में प्रोफेसर हनी बाबू को किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू को भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि 54 वर्षीय हनी बाबू मुसालियरवीट्टिल थारियाल उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में रहते हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी भाषा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महानगर स्थित नानावती अस्पताल को जेल में बंद कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव की स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति आर डी धानुका के नेतृत्व वाली पीठ ने अस्पताल अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वह इसको लेकर विवरण प्रस्तुत करें कि राव को किस तरह की ‘‘चिकित्सा एवं उपचार’’ मुहैया कराया जा रहा है। बता दें कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे के शनिवारवडा में कबीर कला मंच द्वारा आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित रूप से भड़ाकऊ भाषण देने से जुड़ा है। आरोप है कि इसकी वजह से जातीय दुश्मनी पैदा हुई और हिंसा हुई जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र में हुए प्रदर्शन में जानमाल की क्षति हुई। दरअसल, एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले के आरोपी राव गत 16 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए थे और नानावती अस्पताल में भर्ती हैं। अदालत ने अस्पताल प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अदालत के आदेश संबंधी पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर राव के स्वास्थ्य और उपचार के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अदालत ने कहा कि अस्पताल की रिपोर्ट को देखने के बाद वह राव के परिवार की उस याचिका पर फैसला करेगी जिसमें इस तरह की रिपोर्ट की एक प्रति के लिए अनुरोध किया गया है। अस्पताल के रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद अदालत राव की जमानत याचिका पर दलीलें भी सुनेगी। यह निर्देश एल्गार परिषद मामले में अभियोजक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह कहने के बाद आया कि उन्हें राव के परिवार को उनसे मिलने की अनुमति दिये जाने या उनके परिवार को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताये जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, हालांकि यह अस्पताल के प्रोटोकॉल पर आधारित है। इस महीने की शुरुआत में, न्यायमूर्ति एस एस शिंदे के नेतृत्व वाली पीठ ने एनआईए और राज्य को निर्देश दिया था कि वह स्पष्ट करे कि क्या राव के परिवार को उन्हें दूर से या वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देखने की अनुमति दी जा सकती है। यह निर्देश तब दिया गया था जब राव के अधिवक्ताओं सुदीप पासबोला और आर सत्यनारायण ने अदालत से कहा था कि राव ‘‘लगभग मृत्यु शैया’’ पर हैं और यदि 81 वर्षीय कवि को मरना है तो उन्हें अपने परिवार की मौजूदगी में मरने की अनुमति दी जाए।-newsindialive.in

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