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वाराणसी : प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा में सहज तनावमुक्त रहने का दिया संदेश

- प्रधानमंत्री की ज्ञानवर्धक बातें काशी के छात्रों ने उत्साह से सुनी वाराणसी, 07 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी सहित पूरे देश के छात्रों को परीक्षा के दौरान सहज और तनावमुक्त रहने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर तनाव न लें। परीक्षा से डरना नहीं चाहिए। माता-पिता को भी बच्चों की परीक्षा को लेकर तनाव नहीं लेना चाहिए। वहीं, प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से अपील करते हुए निवेदन किया कि माता-पिता अपने लक्ष्य को बच्चों पर न लादें। प्रधानमंत्री बुधवार की शाम परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से देश और दुनिया के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से दोस्त और अभिभावक की तरह संवाद कर उनके प्रश्नों का जबाब दे रहे थे। कार्यक्रम में वाराणसी के मुकुलारण्यम इंग्लिश स्कूल के हर्ष राज तिवारी, 09 विद्यार्थी डालिम्स की सारिका कुमारी, केंद्रीय विद्यालय की रितु यादव, केवी 39 जीटीसी की शिवानी और रोशनी गिरी, केवी बीएचयू से डॉली राजभर, केवी नबंर 4 संगठन से प्रियांशु यादव और खुशबू अरोरा, सृष्टि चौरसिया सीधे जुड़े थे। वहीं, शहर और ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी भी उन्हें उत्साह से सुन रहे थे। प्रधानमंत्री की एक-एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी बातें और उनका अनुभव छात्र गांठ बांध रहे थे। प्रधानमंत्री ने जब कहा कि हमारे देश में परीक्षा के लिए एक शब्द है 'कसौटी'। इसका मतलब है खुद को कसना है।। परीक्षा जीवन में आखिरी मौका नहीं है। बल्कि एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है। परीक्षा जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, उसे उसी रूप में लेना चाहिए। हमें अपने आप को कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए, ताकि हम और अच्छा कर सकें। इससे हमें भागना नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री की ये बातें सुन वाराणसी की 11 की छात्रा आकांक्षा बेहद खुश दिखी। आंकाक्षा ने बताया कि प्रधानमंत्री की एक-एक बातें प्रेरणादायी रहीं। प्रधानमंत्री ने जब बताया कि खाली समय को कैसे सदुपयोग करना है। मुझे बहुत अच्छा लगा। कक्षा 10 की छात्रा पूजा श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री की बातें सुनने के लिए वे शाम से ही तैयार रही। उनकी बातें ध्यान से सुनी। प्रधानमंत्री का संदेश सृजनात्मकता बढ़ाने की बात हमें अच्छी लगी। उनकी ये बातें सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपने को लेकर के बैठे रहना और सपनों के लिए सोते रहना ये तो सही नहीं है। सपनों से आगे बढ़कर, अपने सपनों को पाने का संकल्प ये बहुत महत्वपूर्ण है। दिल को छूने वाला रहा। अभिभावक आभा चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई महत्वपर्ण और बड़ी जानकारी दी। खासकर बच्चों को खाने-पीने में रूचि जगाने का जो तरीका उन्होंने बताया बहुत महत्वपूर्ण है। जूनियर हाईस्कूल की शिक्षक प्रिया जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बेहद साधारण ढ़ंग से जीवन के बड़े सवालों का जबाब दिया। प्रधानमंत्री की ये बातें मुश्किल लगने वाले विषयों की पढ़ाई से दूर मत भागिए। जो लोग जीवन में बहुत सफल हैं, वो हर विषय में पारंगत नहीं होते। लता मंगेशकर का उदाहरण देकर इसे समझाना बेहद अच्छा लगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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