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आटो चालक का बेटा बना इसरो में जूनियर साइंटिस्ट, उर्मिला मातोंडकर ने दी बधाई

ठाणे, 05 मई (हि.स.)। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर के निवासी आटो चालक सुरेश पाटील के बेटे देवानंद पाटील ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में ज्यूनियर साइंटिस्ट का मुकाम हासिल किया है। इस सफलता के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री एवं शिवसेना की नेत्री उर्मिला मातोंडकर ने ट्विटर के जरिए देवानंद को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। ठाणे जिले के बदलापुर में आटो चालक सुरेश पाटील अपने परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में पत्नी, बेटा देवानंद और दो बेटियां हैं। सुरेश की आटो रिक्शा परिवार की आय का प्रमुख जरिया है। वही उनकी पत्नी पापड़, अचार बेचकर पति का हाथ बंटाती हैं। गरीबी के बावजूद यह परिवार पढ़ाई-लिखाई को बहुत अहमियत देता है। बेटा देवानंद पैदाइशी होनहार है। अपने माता-पिता की मेहनत को बचपन से देखने वाले देवानंद ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। देवानंद को टाटा स्टील जमशेदपुर में बतौर इंजीनियर नौकरी भी मिल गई। बेहद गरीब परिवार के होनहार बेटे के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन देवानंद कुछ और करना चाहता था। उसका लक्ष्य केवल नौकरी तक सीमित नहीं था। देवानंद लगातार प्रतियोगिता परीक्षाएं देता रहा। इसी दौरान उसे रेल विभाग में लोको पायलट की नौकरी मिली, लेकिन रेलवे की सरकारी नौकरी को ठुकरा कर देवानंद ने अपनी पढ़ाई और मेहनत दुगनी कर दी। देवानंद इसरो की एक परीक्षा में ओबीसी कोटे से पूरे देश में अव्वल आया। नतीजतन उसका इसरो में बतौर जूनियर साइंटिस्ट चयन हो गया। देवानंद के पिता सुरेश के मुताबिक परीक्षा के परिणाम 30 अप्रैल को घोषित किए गए थे। एक महीने के भीतर यह स्पष्ट हो जाएगा कि देवानंद को कहां नियुक्ति मिलेगी। बहरहाल बदलापुर की गलियों से लेकर उर्मिला मातोंडकर तक देवानंद की सफलता के किस्से गूंज रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष कुलकर्णी

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