update-now-save-our-village-from-corona-our-responsibility-no-effort-and-cooperation-should-not-be-missed-pm
update-now-save-our-village-from-corona-our-responsibility-no-effort-and-cooperation-should-not-be-missed-pm

(अपडेट) अब कोरोना से हर गांव को बचाना हमारी जिम्मेदारी, कोई प्रयास व सहयोग न छूटे : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में फील्ड कमांडर की तरह सभी अधिकारियों की बेहद अहम भूमिका है। वहीं ग्रामीण स्तर पर स्थानीय नियंत्रण क्षेत्र, तेज व व्यापक जांच और लोगों को सही और पूरी जानकारी वायरस के खिलाफ हथियार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महामारी के प्रति जागरूकता फैलाने और वहां स्वास्थ्य सुविधायों को तेजी से बढ़ाने का आह्वान किया। इन क्षेत्रों में महामारी से निपटने के लिए अभियान चला रहे अधिकारियों से उन्होंने कहा कि देश के एक-एक गांव को कोरोना संक्रमण से बचाना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हमारे प्रयास व सहयोग में कमी नहीं आनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने आज राज्यों और जिलास्तर के महामारी के नियंत्रण में लगे अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सीधे संवाद किया। इस दौरान राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल रहे। इन अधिकारियों के अनुभव, सिफारिशें और सुझाव जानने के बाद प्रधानमंत्री ने उनके कार्यों की प्रशंसा की और उनसे लिखित तौर पर इन अनुभवों को साझा करने का अनुरोध किया। आगामी बारिश के मौसम के दौरान आने वाली अतिरिक्त चुनौतियों के प्रति आगाह करते हुए प्रधानमंत्री ने इन अधिकारियों से महामारी के खिलाफ लड़ाई से जुड़ी तैयारियों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘लोकल कंटेनमेंट जोन’, बड़े स्तर पर तेजी से जांच और जागरूकता कोरोना के खिलाफ लड़ाई के प्रमुख हथियार हैं। सरकार जिला स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है इसमें तेजी आए इसके लिए उन्हें अन्य तैयारियां भी कर लेनी चाहिए। ऑक्सीजन प्रबंधन समिति के माध्यम से इसका उचित उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही दवा व अन्य सामग्री के कालाबाजारी न हो इसके रोकने के उपाय करने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, परीक्षण, ट्रैकिंग, उपचार और कोविड उचित व्यवहार, इस पर लगातार बल देते रहना जरूरी है। कोरोना की इस दूसरी लहर में अभी ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में हमें बहुत ध्यान देना है। उन्होंने कहा, कोविड के अलावा आपको अपने जिले के हर एक नागरिक की ‘इज आफ लिविंग’ का भी ध्यान रखना है। हमें संक्रमण को भी रोकना है और दैनिक जीवन से जुड़ी ज़रूरी सप्लाई को भी बेरोकटोक चलाना है। वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार बताते हुए प्रधानमंत्री ने इन अधिकारियों को इससे जुड़े भ्रम दूर करने को कहा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन उपलब्धता के बारे में अगले 15 दिनों की जानकारी दी जाएगी और इससे वह टीकाकरण का बेहतर प्रबंधन कर पायेंगे। कोरोना के टीके की सप्लाई को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वैक्सीनेशन को लेकर व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्ट्रीमलाइन कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ जमीनी स्तर पर काम कर रहे इन अधिकारियों को युद्ध काल के फील्ड कमांडर बताया। उन्होंने कहा कि वह कोरोना के खिलाफ इस बड़ी लड़ाई को मूर्त रूप देने का काम कर रहे हैं। वह इसके लिए कोई नया तरीका अपना सकते हैं। उनके जिला स्तर पर किए गए इन प्रयासों से अन्य जिलों को भी अनुभव के तौर पर मदद मिलेगी। साथ ही प्रधानमंत्री ने अग्रिम पंक्ति के कोराना योद्धाओं को सशक्त बनाने पर भी जोर दिया। आंकड़ों को लेकर विशेष सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संक्रमण के सही स्तर की जानकारी से इससे निपटना ज्यादा आसान होता है। उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में गरीबों और पिछड़ों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि गरीब को कम से कम परेशानी हो इसका हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों के अपने खेत में सामाजिक दूरी बनाते हुए काम करने प्रवृत्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि गांव जानकारी को समझते हैं और अपनी जरूरतों के अनुसार इसे संशोधित करते हैं। यही है गांवों की ताकत उन्होंने कहा कि हमें कोरोनावायरस के खिलाफ सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना चाहिए। बातचीत के दौरान अधिकारियों ने कोविड की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रधानमंत्री को हाल के मामलों में वृद्धि के प्रबंधन के लिए किए गए अभिनव कदमों से अवगत कराया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। प्रधान मंत्री ने अधिकारियों से सर्वोत्तम प्रथाओं और अभिनव कदमों को संकलित करने के लिए कहा ताकि इनका उपयोग देश के अन्य जिलों में किया जा सके। प्रधानमंत्री ने इस कठिन समय के दौरान देश के स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और प्रशासकों द्वारा दिखाए गए समर्पण और दृढ़ता की सराहना की और उनसे आगे भी इसी तरह के जोश के साथ काम करना जारी रखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री के साथ इस संवाद में कर्नाटक, बिहार, असम, चंडीगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, एमपी, गोवा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सरकार का कहना है कि इन अधिकारियों के प्रयासों की सराहना से प्रभावशाली प्रतिक्रिया योजना बनाने, लक्षित रणनीति लागू करने और आवश्यक नीतिगत हस्ताक्षेप में मदद मिलेगी। बैठक में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग, स्वास्थ्य सचिव, फार्मास्युटिकल सचिव और पीएमओ, केंद्र सरकार के मंत्रालयों व विभागों के अन्य अधिकारी शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in