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यूपी वेटलैंड्स को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर कर रहा है विचार

लखनऊ, 11 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश अपनी मुख्य आद्र्रभूमि को पर्यटन, शैक्षणिक, मनोरंजन और जल क्रीड़ा गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। इनमें आठ आद्र्रभूमि शामिल हैं, जिन्हें विश्वव्यापी महत्व के साथ आद्र्रभूमि (रामसर वेबसाइट) के रूप में नामित किया गया है। यूपी में विश्वव्यापी महत्व के आठ आद्र्रभूमि में उच्च गंगा नदी (बुलंदशहर), सरसई नवर झील (इटावा), समन फाउल अभयारण्य (मैनपुरी), सैंडी फाउल अभयारण्य (हरदोई), समसपुर पक्षी अभयारण्य (रायबरेली), पार्वती अर्गा पक्षी अभयारण्य शामिल हैं। गोंडा), नवाबगंज पक्षी अभयारण्य (उन्नाव) और सुर सरोवर (आगरा) शामिल हैं। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यूपी के वन और अन्य विभागों के प्रयासों के परिणामस्वरूप, कई आद्र्रभूमि को विश्वव्यापी महत्व के आद्र्रभूमि के रूप में नामित किया गया है। यह दर्जा पाने वाली प्राथमिक वेबसाइट 2005 में उच्च गंगा नदी थी और 2019 तक, यह यूपी में एकमात्र रामसर वेबसाइट थी। आज हमारे पास ऐसी आठ साइटें हैं। ये पार्क जैव विविधता में समृद्ध हैं। आद्र्रभूमि कई वनस्पतियों (स्थलीय और जलीय) और जानवरों (स्थलीय, जलीय, उभयचर, सरीसृप, पक्षी, कीड़े) का घर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना इन्हें प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी है। कार्यक्रम की योजना में सीधी पहुंच के लिए सड़कों का निर्माण, रहने खाने की सुविधा, पूरे क्षेत्र में आवाजाही, नौका विहार और जल क्रीड़ा गतिविधियों और ऑनलाइन सुविधाओं जैसी गतिविधियां शामिल हैं। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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