up-is-buying-electricity-at-rs-22-per-unit-yogi
up-is-buying-electricity-at-rs-22-per-unit-yogi

यूपी 22 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहा है: योगी

लखनऊ, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस त्योहारी सीजन में उनकी सरकार बाहरी स्त्रोतों से 22 रुपये प्रति यूनिट तक की कीमत पर बिजली खरीद रही है क्योंकि वह त्योहारों के उल्लास को कम नहीं करना चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम दिनों में इतनी ही बिजली 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जाती थी। उत्तर प्रदेश कोयले की कमी से बिजली संकट का सामना कर रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी समुदाय तक पहुंचने के लिए भाजपा द्वारा शुरू किए गए एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पहली बार बिजली के संकट को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा, हम किसी भी जिले में बिजली संकट क् कार्नण उत्सव खराब नहीं होने देंगे। राज्य सरकार गरीबों के घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाति, समुदाय, क्षेत्र या धर्म के लोगों के उत्साह को बनाए रखने के लिए बिजली मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा, यह पिछली सरकारों के विपरीत है जब बिजली की आपूर्ति कुछ ही जिलों में की जाती थी जबकि अन्य को अंधेरे में छोड़ दिया जाता था। मुख्यमंत्री का यह बयान उन खबरों के बीच आया है कि लगातार बारिश के कारण कोयला खदानों में पानी के रिसने के बाद कोयला संकट के दौरान निजी कंपनियां पैसा कमा रही थीं। योगी आदित्यनाथ ने बिजली अधिकारियों से कहा कि वे संकट को कम करने के लिए केंद्र और कोल इंडिया लिमिटेड के साथ तेजी से समन्वय करें, जिससे आर्थिक रूप से बीमार यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की स्थिति और खराब होने का खतरा है। यूपीपीसीएल पहले से ही 90,000 करोड़ रुपये के संचित नुकसान में चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों के समय दंगों और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए पिछली सपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि भाई-भतीजावाद समाज और पूरे देश के विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सबका साथ और अपने परिवार का विकास के सिद्धांत का पालन किया था। इसके विपरीत, उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ भाजपा ने जाति, समुदाय और धर्म के बावजूद समाज के सभी वर्गों के कल्याण की मांग की। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in