unveiling-of-shankaracharya39s-statue-in-kedarnath-made-the-people-of-karnataka-proud
unveiling-of-shankaracharya39s-statue-in-kedarnath-made-the-people-of-karnataka-proud

केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण से कर्नाटक के लोगों को हुआ गर्व

मैसूर (कर्नाटक), 5 नवंबर (आईएएनएस)। नौ महीने में यहां मूर्ति तराशने वाले मूर्तिकार ने कहा कि कर्नाटक के लोग शुक्रवार को उत्तराखंड के केदारनाथ में आदि शंकराचार्य (भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने वाले हिंदू दार्शनिक) की मूर्ति का अनावरण कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय मूर्तिकार अरुण योगीराज और उनकी टीम ने शंकराचार्य की 12 फीट की मूर्ति को चट्टान के एक टुकड़े से तराशा था। योगीराज को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने कम समय में सुंदर मूर्ति को अंतिम रूप देने के लिए बधाई दी। उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से भी सराहना मिली थी। मूर्ति को नौ महीने में तराशा गया था। सात मूर्तिकारों ने योगीराज के मार्गदर्शन में दो पालियों में 12 घंटे से अधिक समय तक काम किया। 80 टन वजन के पत्थर को 26 से 28 टन वजन की मूर्ति में उकेरा गया था। योगीराज ने कहा कि मूर्ति 33 वर्षीय आदिगुरु शंकराचार्य का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, हमने इस बात को ध्यान में रखा है कि मूर्ति का चेहरा आकर्षक दिखना चाहिए, उसका वास्तविक रूप होना चाहिए और यह सभी 360 डिग्री कोणों से भी सुंदर दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं अपने परिवार में मूर्तिकारों की पांचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता हूं। मेरा नाम हम्पी कन्नड़ विश्वविद्यालय द्वारा अगस्त 2020 में मूर्ति बनाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा गया था। पीएमओ कार्यालय ने देश भर के मूर्तिकारों से 25 इंच की मूर्ति बनाने के लिए कहा था। मेरे मॉडल को सितंबर 2020 में अंतिम रूप दिया गया था। 12 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का काम मिलने के बाद, मूर्ति के वजन और अन्य मामलों के बारे में भारतीय वायु सेना के साथ बैठक की गई क्योंकि उन्हें मूर्ति को केदारनाथ ले जाना था। काम जून 2021 तक पूरा हो गया था। मूर्ति को सड़क मार्ग से चमोली एयरबेस भेजा गया था। वहां से इसे विशेष हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, मैं केदारनाथ पहुंचा और 25 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच स्थापना की गई। यह मेरे लिए सम्मान की बात है। यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी क्योंकि केदारनाथ तीर्थस्थल पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। बनाने के समय और जब मूर्ति को अंतिम रूप दिया गया, तो मूर्ति को बनाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। वे कहते हैं, यह गर्व की बात है कि केदारनाथ के तीर्थस्थल पर कर्नाटक में बनी मूर्ति की स्थापना की जा रही है। यह राज्य के सभी मूर्तिकारों के लिए सम्मान की बात है। हाल ही में कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर शहर से ग्रेनाइट पत्थर राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या भेजे गए थे। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in