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काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को मिलेगा अच्छा बाजार : केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री

-तीन दिवसीय किसान मेला का समापन बांदा, 22 फरवरी (हि.स.)। कृषि संबंधित पुराने समय से चले आ रहे नियम वर्तमान के लिये उचित नहीं हैं। इसमें बदलाव अति आवश्यक है। अन्तिम व्यक्ति को लाभ मिले यह वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भ्रम फैलाया जा रहा है। काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को अच्छा बाजार उपलब्ध हो रहा है। समझौता से खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकता है। यह बातें केन्द्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, कैलाश चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय बांदा में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कहीं। केन्द्रीय राज्य मंत्री चौधरी ने बताया कि वर्तमान में 1.30 करोड़ बजट किसानों की समृद्धि के लिये वर्तमान सरकार ने आवंटित किये हैं। 75 हजार करोड़ सीधे किसानों के खातों में जा रहे हैं। इस वर्ष लगभग 3 करोड़ नये किसानों के केसीसी बने हैं। हमारी सरकार 10000 नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखी है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ऊर्जावान कुलपति डा. यू.एस.गौतम के नेतृत्व में कम समय में ही किसानों को तिल और अलसी की अच्छी किस्में दी हैं। यहां के वैज्ञानिकगण शोध में अच्छा कार्य कर रहे हैं जिसका लाभ बुन्देलखण्ड के किसानों को अवश्य उठाना चाहिये। कार्यक्रम के शुभारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यू.एस.गौतम ने स्वागत किया एवं अपने वक्तव्य में बताया कि विश्वविद्यालय पिछले 2.5 वर्षों में शिक्षा,शोध और प्रसार में कैसे नए आयाम हासिल किये हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ.प्र. लाखन सिंह राजपूत ने किसानों से अपील की कि यह विश्वविद्यालय इस बुन्देलखण्ड की कृषकों के भाग्य बदल रहा है। इसका लाभ कृषकों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब कही भी किसान मेला गोष्ठी, प्रशिक्षण, एवं संबंधित कार्यक्रम आयोजित हो रहा हो तब ऐसे समय किसानो को प्रतिभाग अवश्य करना चाहिए। वैज्ञानिक दिन रात मेहनत कर कृषकों के लिये कार्य कर रहे हैं। डा. बीजेन्द्र सिंह कुलपति नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या ने कहा कि प्रदेश में ऐसा आयोजन कम ही देखने को मिलता है। डा. एसके सिंह, निदेशक, कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से यह विश्वविद्यालय कम समय में बहुत ही ख्याति प्राप्त की है। वर्तमान में यह विश्वविद्यालय तथा यहां पर शुरू की गयी विभिन्न गतिविधियां यहां के किसानों के लिये अत्यंत लाभकारी होगा। यहां उद्यान, संरक्षित खेती तथा मधुमक्खी पर अच्छा कार्य हो रहा है। डीएस चौहान, सीजीएम नाबार्ड लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने कहा कि नाबार्ड ने हमेशा किसानों के साथ कार्य किया है। हम विश्वविद्यालय के साथ मिल कर किसानों के उज्जवल भविष्य के लिये अच्छा कार्य करेंगे। रामकेश निषाद, जिला अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि देश और प्रदेश के किसान कैसे आत्मनिर्भर बने इसके कृषि वैज्ञानिक निरंतर प्रयास कर रहे हैं। आरके पटेल, सांसद बांदा चित्रकूट ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान भारत एवं उत्तर प्रदेश सरकार यह निरंतर प्रयास कर रही है कि किसानों को उसके उत्पाद का अच्छा समर्थन मूल्य प्राप्त हो। कार्यक्रम में डा. अतर सिंह, निदेशक अटारी कानपुर, बलराम कछवाह, भाकृअप, नई दिल्ली द्वारा अटारी जोन-3 के प्रवन्ध समिति के नामित सदस्य, राजेश सिंह सेंगरी, भाकि मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री एवं सदस्य उप्र, शिव शंकर सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय किसान मोर्चा, डा. प्रियरंजन प्रसाद सिंह, संस्थापक अध्यक्ष द-एडीआर सेन्टर नई दिल्ली की उपस्थिति रही। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में टीएसपी परियोजना के कृषक समूहों को ट्रैक्टर वितरित किये गये। मेला परिसर आने से पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, कैलाश चौधरी एवं गण्यमान्य व्यक्तियों ने विश्वविद्यालय में विभिन्न स्थलों पर भ्रमण किया। इसमें आईएफएस माडल, संरक्षित खेती, सेडा फार्म, टिशु कल्चर लैब तथा परिसर में संचालित विभिन्न गतिविधियों को अवलोकन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. जी.एस.पंवार ने सबको सम्मानित किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव तथा सह निदेशक प्रसार डा. नरेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. बी.के. गुप्ता ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/रामानुज

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