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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्यों के शिक्षा सचिवों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए बैठक की

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए कोरोना महामारी से निपटने एवं इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहल और आगे के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में राज्यों की तरफ से सुझाव दिया गया कि सभी छात्रों को टैबलेट एवं भारत नेट कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए और बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए राज्यों के साथ निर्णय लिए जाने चाहिए। इसके अलावा बैठक में उपस्थित शिक्षा अधिकारियों ने छात्रों के मानसिक विकास एवं उन्हें मनोवैज्ञानिक सहयोग देने के लिए मनोदर्पण एप के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया। बैठक में निशंक ने कहा, "चूंकि दूसरी लहर पूरे देश में है और चुनौतियां भी बड़ी हैं इस कारण हमें सहयोग और परामर्श के माध्यम से आगामी चुनौतियों के लिए तत्काल आधार पर योजना बनाने की आवश्यकता है।" उन्होनें बैठक में उपस्थित सभी शिक्षा सचिवों से आग्रह किया कि वे छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को कम करने और छात्रों के लिए पढ़ाई के अवसरों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निकायों के अपने समकक्ष सचिवों के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। निशंक ने कहा, "कोविड़-19 की दूसरी लहर ने हमें लंबी अवधि के लिए स्कूलों को बंद करने हेतु मजबूर कर दिया है। हालांकि हम सबने निरंतर प्रयास करके पाठ्यपुस्तकों, असाइनमेंट, डिजिटल एक्सेस आदि के माध्यम से बच्चों की घर पर ही शिक्षा सुनिश्चित की है। इस सफल घरेलू शिक्षण कार्यक्रम की निरंतरता के लिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों को पर्याप्त संसाधन (पाठ्यपुस्तकें, असाइनमेंट, वर्कशीट आदि) उपलब्ध होते रहे। सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ हमें आकांक्षी जिलों और दूरदराज के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां प्राय डिजिटल मोड या शिक्षक सुलभ नहीं हैं इसलिए हमें स्थानीय स्वयंसेवकों और माता-पिता को ई-सामग्री की व्याख्या करने और बच्चों को आगे मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।" इसके अलावा छात्रों को जोड़े रखने को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि डिजिटल शिक्षा सूचना का एकतरफा प्रवाह है, इसलिए हमें प्रत्येक कक्षा के लिए एक आकर्षक डिजिटल सामग्री बनाने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि छात्रों का जुड़ाव डिजिटल शिक्षा से बना रहे। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे एक ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसमें इस महामारी के दौरान राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मध्य स्कूली शिक्षा की उत्तम पद्धतियों का समय-समय पर मिलान और प्रसार हो सके। इस तरह के उदाहरण एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और उन्हें जिलों (क्षेत्र) की जरूरतों के अनुसार लागू करने में मददगार साबित होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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