केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आईआईटी हैदराबाद में ऑटोनोमस नेविगेशन टेस्टबेड का किया शुभारंभ

Union Education Minister launches autonomous navigation testbed at IIT Hyderabad
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नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- हैदराबाद में ऑटोनोमस नेविगेशन टेस्टबेड, टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनोमस नेविगेशन एंड डाटा एक्वीजीशन सिस्टम फॉर यूएवी, आरोवी इत्यादि (तिहान), का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह सिस्टम अगली पीढ़ी की मोबिलिटी के लिए महत्वपूर्ण है और भारत सहित कई देशों के लिए प्राथमिक तकनीकी लक्ष्यों में से एक है। केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि ज़मीन और हवा में चलने वाले ऑटोनोमस वाहनों का विकास भारत को ना सिर्फ विश्व स्तर पर तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में खड़ा करेगा बल्कि यह व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर खोलेगा। उन्होंने कहा कि इसकी मदद से कृषि एवं परिवहन के क्षेत्र में इस्तेमाल की जा रही कई पारंपरिक तकनीकों को भी अपग्रेड किया जा सकेगा। कृषि क्षेत्र में हवाई वाहनों के उपयोग से हम बेहतर फसल भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ज़मीन पर चलने वाले ऑटोनोमस वाहन सुरक्षित परिवहन और सैन्य निगरानी को मजबूत करने में भी मदद कर सकते हैं। निशंक ने कहा, "भारत कई औद्योगिक क्षेत्रों जैसे कि कृषि, सर्वे, सर्विलांस, ऊर्जा आदि में हवा और ज़मीन पर चलने वाले ऑटोनोमस वाहनों के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। फ़िलहाल यह तकनीक बाहर से आयात की जा रही है और इस तकनीक में वैश्विक मार्गदर्शक बनने के लिए भारत को इसका विकास देश में ही करना होगा। इसीलिए सरकार इसको भारत में ही विकसित करने के लिए उत्साहित है। इसी लक्ष्य के साथ सरकार ने आईआईटी हैदराबाद को नेशनल मिशन ऑन इंटर-डिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स के तहत तिहान प्रदान किया है।" उन्होंने कहा कि आईआईटी हैदराबाद में स्थापित तिहान एक बहु-विभागीय पहल है, जिसमें प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योग से सहयोग और समर्थन के साथ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, गणित और डिजाइन के शोधकर्ता शामिल हैं।ऑटोनोमस नेविगेशन और डाटा एक्वीजीशन सिस्टम्स" के विशिष्ट डोमेन क्षेत्र में इंटर-डिसिप्लिनरी तकनीकों के अनुसंधान और विकास पर ध्यान देने के साथ, यह केंद्र ज़मीन और हवाई अनुप्रयोगों के लिए मानव रहित ऑटोनोमस वाहनों की तकनीक में आने वाली चुनौतियों का भी समाधान करेगा। इस परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित की जा रही "मल्टी-सेंसरी अवधारणा" से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया नियमों और भारतीय परिदृश्य में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए संचालन नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण मदद करेगी। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी जताई कि आईआईटी हैदराबाद ने इतनी बड़ी योजना को शुरू करने की पहल की। इस तकनीकी इनोवेशन हब में हवाई और ज़मीनी उपयोग के मामलों के लिए विकसित ऑटोनोमस नेविगेशन और डाटा एक्वीजीशन तकनीको को मान्य करने के लिए एक अत्याधुनिक परीक्षण सुविधा का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के एनएम-आईसीपीएस के मिशन डायरेक्टर प्रो. आशुतोष शर्मा, आईआईटी हैदराबाद के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के अध्यक्ष बी.वी.आर. मोहन रेड्डी, एवं आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रो. बी. एस. मूर्ति भी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

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