tsrtc-restores-100-services-in-greater-hyderabad
tsrtc-restores-100-services-in-greater-hyderabad

टीएसआरटीसी ने ग्रेटर हैदराबाद में 100 प्रतिशत सेवाएं की बहाल

हैदराबाद, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) ने मंगलवार से ग्रेटर हैदराबाद जोन में शत-प्रतिशत सेवाएं बहाल कर दीं। शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने के साथ, टीएसआरटीसी अधिकारियों ने राज्य की राजधानी और उसके आसपास 100 प्रतिशत बसें संचालित करने का निर्णय लिया है। राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन संस्था हर दिन 1,286 टीएसआरटीसी बसों और 265 किराए की बसों का संचालन करेगी। अधिकारियों के अनुसार, ये बसें ग्रेटर हैदराबाद जोन में 4.25 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 18,478 चक्कर लगाएंगी। बस सेवाएं हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों और आसपास के गांवों और मंडलों को जोड़ती हैं। टीएसआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि चूंकि 1 सितंबर से स्कूल फिर से खुल गए हैं और व्यवसाय से जुड़ी अन्य गतिविधियां सामान्य हो रही हैं, इसलिए उन्होंने 100 प्रतिशत बस सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। नकदी की तंगी से जूझ रही टीएसआरटीसी एक साल से अधिक समय से आंशिक सेवाओं का संचालन कर रही है। 39 दिनों के लॉकडाउन के हटने के बाद इस साल 20 जून से केवल 50 प्रतिशत बसों का संचालन किया जा रहा था। टीएसआरटीसी की बसें पिछले साल 6 महीने से शहर में सड़कों से नदारद थीं। हालांकि, लॉकडाउन के कारण लगभग दो महीने के बाद पिछले साल मई में राज्य भर में सेवाएं आंशिक रूप से फिर से शुरू हुईं, लेकिन शहर की सेवाएं 25 सितंबर को ही फिर से शुरू हुईं। महामारी से टीएसआरटीसी को 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो पहले से ही घाटे में चल रहा था। लॉकडाउन, पोस्ट-लॉकडाउन प्रतिबंध, ऑक्यूपेंसी में गिरावट ने नुकसान को और बढ़ा दिया। इसने पार्सल कार्गो और कूरियर सेवाओं को शुरू करके नुकसान को कम करने की कोशिश की। पिछले महीने, टीएसआरटीसी का प्रति दिन राजस्व 13.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो महामारी के बाद से सबसे अधिक है। ऑक्यूपेंसी भी 78 फीसदी तक पहुंच गई, जो एक साल से ज्यादा समय में सबसे ज्यादा है। महामारी से पहले, परिवहन निकाय के पास 10,460 बसें थीं और यह राज्य भर में हर दिन एक करोड़ से अधिक लोगों को फेरी (चक्कर) लगाता था। रोजाना राजस्व 14 करोड़ रुपये से अधिक था। ग्रेटर हैदराबाद जोन परिवहन इकाई के पूरे रोजाना राजस्व में 3.2 करोड़ रुपये का योगदान करता था। 2021-22 के राज्य के बजट में, टीएसआरटीसी को 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और सरकार ने ऋण जैसे अन्य संसाधनों के माध्यम से 1,500 करोड़ रुपये का और वादा किया था। इसमें से सरकार ने वेतन भुगतान और अन्य देनदारियों को पूरा करने के लिए ऋण के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। हाल ही में, टीएसआरटीसी ने 100 करोड़ रुपये में 280 नई बसें खरीदने का फैसला किया है। --आईएएनएस एचके/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in