trai-to-take-action-against-telemarketers-involved-in-illegal-business-activities-high-court
trai-to-take-action-against-telemarketers-involved-in-illegal-business-activities-high-court

अवैध व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त टेलीमार्केटर्स के खिलाफ कार्रवाई करे ट्राई : हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को निर्देश दिया है कि वे रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले उन टेलीमार्केटर्स के खिलाफ कार्रवाई करे जो अवैध व्यापारिक संचार में लिप्त रहते हैं। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पेमेंट प्लेटफार्म पेटीएम की याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर्स प्रिफरेंस रेगुलेशंस (टीसीसीसीपीआर) का कड़ाई से पालन हो और इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियां भी टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर्स प्रिफरेंस रेगुलेशंस (टीसीसीसीपीआर) का कड़ाई से पालन करेंगे। पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ट्राई को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि वो रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले उन टेलीमार्केटर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा जो अवैध व्यापारिक संचार में लिप्त रहते हैं। पेटीएम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके ग्राहकों को फिशिंग के जरिये फंसाकर धोखाधड़ी की जा रही है। केंद्र सरकार और ट्राई इस फिशिंग गतिविधि को नहीं रोक रही हैं। पिछले 2 जून को पेटीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और ट्राई को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने संचार मंत्रालय, ट्राई, सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को जवाब देने का निर्देश दिया था। पेटीएम की ओर से वकील करुणा नंदी ने कहा था कि उसके लाखों ग्राहकों के साथ फिशिंग गतिविधि के जरिये धोखाधड़ी की गई है। फिशिंग गतिविधि को मोबाइल प्रदाता कंपनियां रोक नहीं रही हैं। इससे उसे आर्थिक नुकसान के अलावा उसकी छवि को भी नुकसान हुआ है। पेटीएम ने इस नुकसान की भरपाई के लिए सौ करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। फिशिंग गतिविधि एक साइबर क्राईम है। इसमें किसी व्यक्ति से ई-मेल, फोन या टेक्स्ट मैसेज से संपर्क किया जाता है। मैसेज भेजनेवाला व्यक्ति अपने को किसी संगठन का प्रतिनिधि बताता है और इस तरह वो संबंधित व्यक्ति के निजी डाटा को चुरा लेता है। वह लोगों के बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड का विवरण और पासवर्ड लेकर उन्हें चूना लगा देता है। याचिका में कहा गया था कि टेलीकॉम कंपनियां टीसीसीसीपीआर का उल्लंघन कर रही हैं। ट्राई ने एक नोटिफिकेशन के जरिये टीसीसीसीपीआर को मंजूरी दी थी। उसमें अनचाही व्यावसायिक सूचनाओं पर रोक लगाने की बात की गई है। याचिका में कहा गया था कि ट्राई के नोटिफिकेशन में टेलीकॉम कंपनियों को ऐसे टेलीमार्केटर्स की पहचान कर उन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी है। उनका बिना रजिस्ट्रेशन के काम करने देने की वजह से ही पेटीएम के ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in