tomar-said-in-g20-conference-agricultural-research-is-necessary-for-food-security
tomar-said-in-g20-conference-agricultural-research-is-necessary-for-food-security

जी20 सम्मेलन में तोमर ने कहा, खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि अनुसंधान जरूरी

नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत की बढ़ती आबादी के सामने आने वाली समस्याओं को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि 2030-31 तक भारत की जनसंख्या 150 करोड़ से अधिक हो जाने की संभावना है। इसके लिए खाद्यान्न की मांग लगभग 35 करोड़ टन होने का अनुमान है और समाधान केवल कृषि अनुसंधान के माध्यम से संबोधित किया जा सकता है, क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा के तीन पहलुओं - उपलब्धता, पहुंच और सामथ्र्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है। खाद्यान्न के साथ-साथ खाद्य तेल, दूध और दुग्ध उत्पाद, मांस, अंडा, मछली, सब्जियां, फल और चीनी की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसकी तुलना में प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और जलवायु परिवर्तन की चुनौती भी है। तोमर ने इटली द्वारा आयोजित जी20 कृषि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान कहा कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने की रणनीति उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने के इर्द-गिर्द घूमती है। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि अनुसंधान ने देश को खाद्य आयातक से निर्यातक में बदलने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। एकीकृत अनुसंधान प्रयास, मिट्टी की उत्पादकता में सुधार, भंडारण के लिए जल प्रबंधन, विस्तार और दक्षता के लिए तकनीकों और कार्यप्रणाली का एक पैकेज विकसित किया जा सकता है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में तोमर के हवाले से कहा गया, मानव जाति के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण है। आज, 30.8 करोड़ टन खाद्यान्न के वार्षिक उत्पादन के साथ भारत न केवल खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में, बल्कि अन्य देशों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, वैज्ञानिकों के कुशल अनुसंधान के कारण भारत ने कृषि उपज के क्षेत्र में एक क्रांति का अनुभव किया है। तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन ने 10 वर्षो में तिलहन के उत्पादन को दोगुना कर दिया है। भारत ने हाल के दिनों में दलहन उत्पादन में काफी प्रगति की है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in