ट्रेनों में भीड़ रोकने के लिए छोटी दूरी की ट्रेनों का किराया बढ़ाया : रेलवे

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने बुधवार को रेल यात्रियों से कम दूरी की यात्रा के लिए वसूले जाने वाले अधिक किराये पर स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि ऐसा केवल अनावश्यक यात्रा को टालने के इरादे से किया गया है। रेलवे ने थोड़ा अधिक किराया वसूलने का फैसला ट्रेनों में भीड़ रोकने और कोविड को फैलने से रोकने के तहत लिया है। रेल मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पैसेंजर और अन्य छोटी दूरी की ट्रेनों के लिए थोड़ा अधिक किराया लोगों को अनावश्यक यात्रा से हतोत्साहित करने के लिए पेश किया गया था। ये किराया समान दूरी के लिए मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के अनारक्षित मूल्य पर तय किया जाता है। रेलवे ने कहा है कि कोविड का संकट अभी भी बरकरार है और वास्तव में कुछ राज्यों में स्थिति बिगड़ रही है। कई राज्यों के आगंतुकों को अन्य क्षेत्रों में स्क्रीनिंग के लिए भेजा जा रहा है और यात्रा के लिए हतोत्साहित किया गया है। रेलवे ने थोड़ा अधिक किराया वसूलने का फैसला ट्रेनों में भीड़ को रोकने और कोविड को फैलने से रोकने के तहत लिया है। कोरोना वायरस के प्रसार का मुकाबला करने के उपाय के रूप में भारतीय रेलवे को पिछले साल 22 मार्च को कोविड से संबंधित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण नियमित ट्रेनों को परिचालन बंद करना पड़ा था। भारतीय रेलवे लगातार यात्री ट्रेनों की संख्या में वृद्धि कर रहा है। कोविड समय से पहले यात्री ट्रेनों की नियमित सेवाओं की पूर्ण बहाली, कई कारकों और परिचालन परिस्थितियों पर निर्भर है। कोविड के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारतीय रेलवे ने लगभग 65 प्रतिशत मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया है और 90 प्रतिशत से अधिक उपनगरीय सेवाओं को चला रहा है। कुल 1250 मेल और एक्सप्रेस, 5350 उपनगरीय सेवाएं और 326 से अधिक यात्री ट्रेनें वर्तमान में दैनिक आधार पर परिचालन में हैं।वर्तमान में चलने वाली छोटी दूरी की यात्री ट्रेनें कुल ट्रेनों के 3 प्रतिशत से कम हैं। इस तरह की और ट्रेनें राज्य सरकारों के परामर्श से पाइपलाइन में हैं। इस तरह की छोटी दूरी की ट्रेनों में सभी संबंधितों के बीच विचार विमर्श और सहमति की आवश्यकता होती है। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/सुनीत

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