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तीमारदारों ने मांगी मरीजों की रोजाना रिपोर्ट, केंद्र और दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने तिमारदारों और रिश्तेदारों को उनके मरीजों की स्थिति की अस्पताल और डॉक्टरों की ओर से रोजाना अपडेट देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कई अस्पताल तो मरीजों की मौत होने पर ही तिमारदार को सूचित करते हैं। यह याचिका मानव आवाज ट्रस्ट के ट्रस्टी अभय जैन ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील ऋषभ जैन ने कहा था कि सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना से संक्रमित मरीजों को रियायती और निष्पक्ष इलाज के अधिकार है। अस्पतालों और डॉक्टरों को मरीजों के तिमारदारों को इन मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में रोजाना जानकारी देना चाहिए। लेकिन इसे ल कर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। ये संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के बाहर काफी बड़ी संख्या में तिमारदार अपने मरीजों का हालचाल जानने के लिए जमा रहते हैं। लेकिन उन्हें अपने मरीजों से मिलने नहीं दिया जाता है। ऐसे में तिमारदारों को अपने मरीजों का हालचाल बताने का एक मेकानिज्म तैयार करना चाहिए। इसे लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं होने से मरीजों के तिमारदारों में नाराजगी, गुस्सा और भय पैदा होता है। मरीजों को उनके तिमारदारों के बारे में कभी कोई सूचना दी जाती है जब उनकी मौत हो जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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