टिकट की कीमत का मुद्दा : तेलुगू निर्माताओं के लिए ओटीटी एकमात्र विकल्प
हैदराबाद, 27 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश सरकार के कम मूवी टिकट की कीमतों को पेश करने के फैसले ने तेलुगु फिल्म उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। सरकार के निर्देश के साथ, वितरक या निर्माता अपनी फिल्मों के टिकटों में वृद्धि नहीं कर सकते हैं और व्यापार से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर नियंत्रण खो चुके हैं। इस समय, बड़े बजट की तेलुगु फिल्में मुनाफा नहीं कमा पा रही हैं, क्योंकि आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा मूवी टिकट दरों को बंद कर दिया गया है। वास्तव में, कुछ फिल्में अपने निवेश का आधा हिस्सा भी नहीं वसूल पा रही हैं, भले ही फिल्म बहुत बड़ी हिट हो। आरआरआर, राधे श्याम और पुष्पा जैसी बड़ी फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं, टिकट की कीमत ने टॉलीवुड फिल्म वितरकों के बीच एक बड़ी उथल-पुथल पैदा कर दी है। इस मौके पर भी ज्यादातर प्रोडक्शन हाउस खामोश हैं। टॉलीवुड और फिल्म देखने वालों का एक वर्ग उद्योग के बड़े लोगों की इस चुप्पी से आहत है। टॉलीवुड के निर्माता और अभिनेता टिकट के मुद्दे पर मौन क्यों हैं, इस पर सवाल उठाते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, जब अनावश्यक भाषणों, बहसों और विवादों को उजागर किया जाता है, तो ऐसे गंभीर मुद्दों पर सवाल क्यों नहीं उठाते? एमएए अब कहां है? कुछ निर्माताओं को लगता है कि जब तक सरकार टिकट मूल्य निर्धारण पर नियमों में ढील नहीं देती, तब तक उनकी फिल्मों के ओटीटी डिजिटल रिलीज का विकल्प ही एकमात्र उपाय हो सकता है। --आईएएनएस एसकेके/एएनएम