इस बार परेड में दिखेगा स्वदेशी हथियारों से लैस 'आत्म निर्भर' भारत

This time the parade will see 'self dependent' India armed with indigenous weapons
This time the parade will see 'self dependent' India armed with indigenous weapons

- वायुसेना की झांकी में दिखेगा 'मेक इन इंडिया' हथियारों का जलवा - तीन महिला फाइटर पायलट भी दिखेंगी गणतंत्र दिवस की परेड में सुनीत निगम नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय वायुसेना की झांकी के माध्यम से रक्षा हथियार के मामले में भारत को 'आत्म निर्भर' दिखाया जायेगा। यह भी पहला मौका होगा जब वायुसेना की झांकी के साथ भारत की महिला फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना कांत परेड का हिस्सा होंगी। 'मेक इन इंडिया' का जलवा दिखाने के लिए इस बार स्वदेशी एलसीए तेजस, स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम, स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'ध्रुवस्त्र' को झांकी का हिस्सा बनाया गया है। वायुसेना प्रवक्ता ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित की जाने वाली झांकी को एक 50 फीट लंबे मंच पर तैयार किया जा रहा है।ट्रैक्टर पर रखे गए ट्रेलर पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, सुखोई-30 एमकेआई और रोहिणी रडार के मॉडल को वायुसेना के आदर्श वाक्य 'टच द स्काई विद ग्लोरी' के साथ प्रदर्शित किया जायेगा। झांकी में एलसीए तेजस को स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' से लैस दिखाया जायेगा। इसी तरह स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) पर भारत की स्वदेशी रूप से विकसित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'ध्रुवस्त्र' को प्रदर्शित किया जायेगा। सुखोई -30 एमकेआई स्वदेशी रूप से विकसित एस्ट्रा और ब्रह्मोस मिसाइलों को प्रदर्शित करेगा। देशी रूप से विकसित आकाश मिसाइलों को रोहिणी रडार के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एलसीए तेजस एकल इंजन वाला चौथी पीढ़ी का मल्टीऑल लाइट फाइटर एयरक्राफ्ट है जिसे वैमानिकी विकास एजेंसी और एचएएल के एयरक्राफ्ट आर एंड डी सेंटर (एआरडीसी) ने डिज़ाइन किया है। यह एयर टू एयर रिफ्यूलिंग और न्यू जनरेशन एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम से लैस है जो भारतीय वायु सेना के लिए विकसित की गई देश की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। बड़े स्टैंड ऑफ रेंज से प्रभावी यह मिसाइल वायुसेना के लिए शक्तिशाली हथियार होगी। उन्होंने बताया कि परेड में प्रदर्शित स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) उच्च ऊंचाई के संचालन में सक्षम और स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'ध्रुवस्त्र' से लैस है। हेलीकॉप्टर में 8 जुड़वां मिसाइलों की मदद से आठ मिसाइलें संलग्न की जा सकती हैं। इसके अलावा हेलीकॉप्टर 20 मिमी बुर्ज गन और 70 मिमी रॉकेट से लैस हो सकता है। गणतंत्र दिवस की परेड की झांकी में रोहिणी मीडियम रेंज सर्विलांस रडार को भी शामिल किया गया जो एयर स्पेस सर्विलांस के लिए शत्रुतापूर्ण ईडब्ल्यू ऑपरेशनल एनवायरनमेंट के तहत हवाई लक्ष्यों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए सक्षम है। सिस्टम को प्रारंभिक चेतावनी के लिए और आकाश एसएएम सिस्टम के लिए सेंसर के रूप में भी तैनात किया गया है। आकाश मध्यम दूरी की मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो विमान, हेलिकॉप्टर और विभिन्न अन्य मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता रखती है। इसी तरह झांकी में दिखाई जाने वाली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई सभी मौसमों से परे दृश्य-रेंज-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल एस्ट्रा अलग-अलग रेंज और ऊंचाई पर लक्ष्य साधने में सक्षम है। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड का समापन पारंपरिक फ्लाई पास्ट के साथ होगा। इसमें पहली बार फाइटर जेट राफेल भी हिस्सा बनेगा जो आसमान में अपनी 'वर्टिकल चार्ली' पैंतरेबाजी दिखायेगा। फ्लाई पास्ट में कुल 42 विमान हिस्सा लेंगे, जिसमें 15 फाइटर, 17 हेलिकॉप्टर, 5 ट्रांसपोर्ट विमान, 1 विंटेज हेलिकॉप्टर और भारतीय सेना के 04 हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे। फ्लाई पास्ट दो हिस्सों में होगा जिसमें पहला भाग सुबह 10.04 बजे से 10.20 बजे के बीच और दूसरा 11.20 से 11.45 बजे के बीच होगा। पहले हिस्से में तीन फॉर्मेशन शामिल होंगे, जिसमें 4 एमआई17-वी5 विमान राष्ट्रीय ध्वज और तीनों सेवाओं की पताका लेकर परेड स्थल के ऊपर से गुजरेंगे। तीसरा और आखिरी फॉर्मेशन 'रूद्र' 1971 के युद्ध के स्वर्ण विजय वर्ष की याद में होगा जो बांग्लादेशी सैनिकों के मार्चिंग दल के गुजरने पर होगा। फ्लाई पास्ट के दूसरे हिस्से में 9 फॉर्मेशन शामिल होंगे जिसमें पहले दो प्रारूप सुदर्शन और रक्षक होंगे। सुदर्शन फॉर्मेशन में एक चिनूक और दो एमआई 17-1वी हेलिकॉप्टर शामिल होंगे जबकि रक्षक का नेतृत्व 4 अपाचे हेलिकॉप्टर के साथ एक एकल एमआई 17-1वी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद नेत्रा और गरुड़ फॉर्मेशन होंगे। गरुड़ फॉर्मेशन में एक परिवहन विमान सी-17 और दो सुखोई-30 एमकेआई के साथ मिग-29 की एक जोड़ी शामिल होगी। पांचवां फॉर्मेशन एकलव्य है जिसमें एक राफेल, दो जगुआर और दो मिग-29 शामिल हैं। पारंपरिक त्रिशूल युद्धाभ्यास करने वाले त्रिनेत्र फॉर्मेशन में तीन सुखोई-30 हिस्सा लेंगे और इसमें तीन सारंग हेलीकॉप्टर भी होंगे। फ्लाई पास्ट का समापन फाइटर जेट राफेल के साथ होगा जो आसमान में अपनी 'वर्टिकल चार्ली' पैंतरेबाजी दिखायेगा। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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