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तेलंगाना में भूमि का डिजिटल सर्वेक्षण होगाः सीएम चंद्रशेखर राव

नागराज राव हैदराबाद, 16 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शीघ्र ही राज्य भर में भूमि का डिजिटल सर्वेक्षण कराने का ऐलान किया है। उन्होंने डिजिटल सर्वेक्षण के लिए तत्काल टेंडर आमंत्रित करने के आदेश दिए हैं। राज्य के राजस्व विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कल देर शाम समीक्षा बैठक में राजस्व सुधारों और धारणी पोर्टल से संबंधित मामलों की समीक्षा की। बैठक में सरकार के मुख्य सलाहकार राजीव शर्मा, मुख्य सचिव रमेश कुमार और अन्य उच्च अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने कृषि भूमि को पारदर्शी पद्धति से पंजीकृत करने के लिए संचालित धारणी पोर्टल के शत शत प्रतिशत सफल होने का दावा किया है । मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा है कि राजस्व सुधारों में विभाग के कामकाज में क्रांतिकारी बदलाव आया है। राजस्व विभाग के कर्तव्य और जिम्मेदारियों में भी कई बदलाव आए हैं। इसके मद्देनजर विभाग का नाम बदला जा सकता है और शीघ्र ही अधिकारियों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से संबंधित जॉब चार्ट तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि धारणी पोर्टल के कारण आज राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार समाप्त हो गया है और किसानों के साथ न्याय हुआ है। एक ही जमीन को दूसरे के नाम करने वाली अराजकता बंद हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष तक काफी मेहनत करने के बाद नया कानून लाया गया। नए कानून के कारण आज भ्रष्टाचार खत्म हो गया है और नई पद्धति से रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन हो रहे हैं। किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति में बिना भूमि की बिक्री व खरीदी प्रक्रिया हो रही है। विक्रेता और क्रेता के आने पर ही बायोमेट्रिक के आधार के अनुसार भूमि की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया संचालित की जा रही है । लोग धारणी पोर्टल में पंजीकृत भूमि को ही बेच और खरीद सकते हैं । मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने कहा कि राज्य में भूमि पंजीकृत प्रक्रिया इस प्रकार तृतीय पद्धति से होना कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि धारणी पोर्टल के खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है और अनाप-शनाप बयान लिये जा रहे हैं। अनावश्यक समस्याओं को पैदा कर अवैध पद्धति में संपत्ति को हड़पने का मौका अब नहीं होता, इसलिए कई लोग परेशान हैं और वही लोग धारणी पोर्टल के खिलाफ गलत प्रचार कर जनता को असमंजस में डालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि उन्हें इस तरह के दुष्प्रचार के प्रति ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ दैनिक समाचार पत्रों में जानबूझकर गलत समाचार दिए जा रहे हैं, इसलिए ऐसे समाचारों पर तथ्यों के साथ जिलाधीश उनको तत्काल प्रतिक्रिया दें। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि भूमि रिकॉर्ड की समग्र प्रक्रिया, पासबुक, धारणी पोर्टल आदि सुधारों से कृषि भूमि विवाद से संबंधित अधिकांश समस्याएं सुलझा ली गई हैं। बची हुई समस्याओं का डिटेल सर्वेक्षण से समाधान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि विधानसभा में उनकी घोषणा के अनुसार शीघ्र ही राज्यभर में डिजिटल सर्वेक्षण करवाकर प्रत्येक भूमि को अक्षांश देशान्तर रेखांश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल सर्वेक्षण तो पहले ही आरंभ होना था परंतु कोरोना के कारण यह रुक गया है लेकिन बहुत शीघ्र ही डिटेल सर्वेक्षण शुरू होगा। एक बार सर्वेक्षण पूरा होगा तो तमाम विषयों पर स्पष्टता आएगी। हिन्दुस्थान समाचार

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