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महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के पीछे बड़ा षडयंत्र, सही तरीके से हो जांच : केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति

नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले के सही तरीके से जांच होनी चाहिए। इसके पीछे बड़ा षडयंत्र बताते हुए केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि महंत नरेंद्र गिरी जी आत्महत्या नहीं कर सकते, इसके पीछे एक बड़ा षडयंत्र है । वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसके सही तरीके से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगी। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति महामंडलेश्वर भी हैं। 2019 में प्रयागराज के कुंभ मेले के दौरान 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने उन्हे महामंडलेश्वर की पदवी दी थी। निरंजनी अखाड़े की वो 16 वीं महिला महामंडलेश्वर थी इसलिए आईएएनएस से बातचीत करते हुए वो निरंजनी अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत को लेकर काफी भावुक भी हो गईं। उन्होने महंत नरेंद्र गिरी की मौत को अपनी व्यक्तिगत और निरंजनी अखाड़े की अपुर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि महंत जी पहुंचे हुए अध्यात्मिक संत थे। सुलझे हुए संत थे और वे किसी भी हालत में आत्महत्या नहीं कर सकते थे। उन्होने आगे कहा कि जब भी उनकी महंत जी से बात हुई, उनके चेहरे से , उनके बोलने से कभी ऐसा नहीं लगा कि महंत जी परेशान थे, दुखी थी इसलिए इसके पीछे उन्हे एक बड़ा षडयंत्र नजर आ रहा है। उन्होने कहा कि जिन लोगों ने उनके शरीर को उतार कर नीचे रखा, उन लोगों ने उतारते समय वीडियो क्यों नहीं बनाया, जबकि आजकल तो मोबाइल सबके पास रहता है ? आईएएनएस से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हो सकता कि दो लोगों के आपसी वाद-विवाद में किसी तीसरे ने फायदा उठाने की कोशिश की हो या कर रहा हो इसलिए वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करेंगी कि इस मामले की सही तरीके और गहनता से जांच होनी चाहिए। किसी भी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए और साथ ही असली दोषियों को बक्शा भी नहीं जाना चाहिए। उन्होने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी हिंदू समाज के आध्यात्मिक संत थे। इसी तरह से सिख समाज के बड़े संत रामसिंह जी की संदिग्ध मौत को भी आत्महत्या करार दे दिया गया था जबकि मैं उन्हे भी 25-30 सालों से जानती थी और वे भी आत्महत्या नहीं कर सकते थे। --आईएएनएस एसटीपी/आरजेएस

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