तमिलनाड़ु में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की संख्या 1,400 तक पहुंची
चेन्नई, 11 जून (आईएएनएस)। तमिलनाडु के जिला बाल संरक्षण कार्यालयों ने राज्य में लगभग 1,400 बच्चों की पहचान की है, जिन्होंने राज्य में कोरोना के दस्तक देने के बाद अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खोया है। जिला बाल संरक्षण कार्यालयों द्वारा संकलित यह आंकड़े बुधवार तक के हैं। इनमें से 50 बच्चे अपने माता-पिता दोनों को खोकर अनाथ हुए हैं। तमिलनाडु राज्य सरकार ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है। हालांकि कोरोना से उबरने के बाद अगर किसी इंसान की मौत होती है, तो उस स्थिति में उनके बच्चे को किसी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 1 अप्रैल, 2020 से 5 जून, 2021 के बीच देश भर में 30,000 से अधिक बच्चों ने माता-पिता या माता-पिता दोनों में से किसी एक को कोविड-19 के कारण खोया है। इन विवरणों में वे भी शामिल हैं, जिनकी मृत्यु कोविड के बाद उभरी जटिलताओं के कारण हुई है। इसे बाला स्वराज पोर्टल द्वारा राज्यों से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर संकलित किया गया था। कोर्ट ने राज्य को मार्च 2020 के बाद कोविड या अन्य बीमारियों के कारण अनाथ हुए बच्चों या जिन बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है, उनके बारे में सभी जानकारी एनसीपीआर पोर्टल पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया है। एनसीपीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानून ने आईएएनएस को बताया, हम इन बच्चों को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ सकते हैं और उन्हें सही सुरक्षा और देखभाल प्रदान कर सकते हैं। हम नहीं चाहते कि उन्हें संभालने का काम सिर्फ किसी संस्था तक सौंपने का ही हो और हमें ठीक से और समान रूप से उनकी देखभाल करने की आवश्यकता है। --आईएएनएस एएसएन/आरजेएस