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बक्स्वाहा के जंगल से जुड़ी है हजारों परिवार की आजीविका : कमलेश सिंह

छतरपुर, 6 जुलाई (आईएएनएस)। बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के बक्स्वाहा के जंगल में हीरा का भंडार होने की पुष्टि के बाद इस इलाके को एक निजी कंपनी को हीरा खनन के लिए सौंपा जाने वाला है। यह इलाका हजारों परिवार की आजीविका का भी साधन है और हीरा खनन होने पर यह आजीविका प्रभावित होना तय है। बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान के तहत दो सदस्यीय टीम बकस्वाहा जंगल का जायजा लेने झारखण्ड से उदघोश फाउडेशन के कमलेश सिंह और बिहार से डॉ धर्मेंद्र कुमार बक्स्वाहा के जंगल पहुॅचे। कमलेश सिंह और धर्मेंद्र ने स्थानीय निवासी राजेश और गणेश के सहयोग से हीरा खनन स्थान और शैलचित्र स्थल का भ्रमण किया गया, साथ ही स्थानीय लोगों से चर्चा की। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनकी आजीविका इसी जंगल पर निर्भर है। जंगल से महुआ, तेंदु पत्ता, पत्तल इत्यादि का संग्रह कर सालों से अपना खर्च चला रहे है। इस जंगल में सैकड़ों साल पुराने शैलचित्र भी है कि उन्हंे भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पत्थरों को तोड़ा जा रहा है, जिससे श्शैेल चित्रों के गुम जाने का खतरा बना हुआ है। कमलेश सिंह ने पुरातत्व विभाग से इन शैलचित्रों को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। --आईएएनएस एसएनपी/आरजेएस

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