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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य की जरूरत : प्रोफेसर शर्मा

नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि आने वाला दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का है। ऐसे में भारत के वैज्ञानिकों को इस विषय पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शर्मा ने गुरुवार को विज्ञान प्रसार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पारंपरिक रूप से कच्चे माल का व्यवस्थित उपयोग नहीं किया है। आज डेटा कच्चा माल है और हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए। इस दौर में हमें डेटा की सही समझ, डेटा को साझा करने और डेटा को नियंत्रित करने की जरूरत है। प्रो शर्मा ने कहा कि भविष्य प्रौद्योगिकियों के एकीकरण और रूपांतरण के संबंधित है। डीएसटी पिछले चार वर्षों से एआई के बारे में विचार कर रहा है और इसने साइबर मिशन पर आधारित राष्ट्रीय अभियान के तहत देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में 25 अलग-अलग केंद्र बनाए हैं। इस दौरान ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड द फ्यूचर ऑफ पावर’ पुस्तक के लेखक राजीव मल्होत्रा ने कहा कि एआई हर चीज को प्रभावित करेगा। यह समाज, नौकरी, सैन्य, भविष्य की शिक्षा प्रणाली और सहित कई चीजों को प्रभावित करने वाला है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनुप्रयोगों की संख्या अनंत है। आने वाले दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रासांगिकता बढ़ने वाली है। ऐसे में भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अपनी प्रगति को तेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भारता की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष

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