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चुनाव आयोग ने केंद्रीय बल के जवानों को मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच करने से रोका

मतदान के दौरान शिकायतों को देखते हुए चुनाव आयोग ने जारी की निर्देशिका कोलकाता, 03 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में केंद्रीय बलों पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को देखते हुए आज चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय बल के जवानों के मतदाताओं के पहचान पत्र देखने से रोक दिया है। शनिवार को आयोग ने निर्देशिका जारी कर बताया कि मतदान केंद्रों पर तैनात केंद्रीय बलों के जवान मतदाताओं के पहचान पत्र को नहीं देखेंगे बल्कि यह काम मतदान केंद्र के अंदर बैठे पीठासीन अधिकारी को करना होगा। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के आरोपों के आधार पर इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। राज्य निर्वाचन नोडल अधिकारी एके सिंह और एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन को आयोग की ओर से निर्देश को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले तृणमूल कांग्रेस का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग में केंद्रीय बलों के खिलाफ शिकायत को दर्ज करवाई थी। पार्टी ने यह भी मांग की कि नंदीग्राम में चुनाव में ड्यूटी में तैनात संगठन फोर्स के जवानों को कहीं और चुनावी ड्यूटी में नहीं लगाया जाए। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने यह शिकायत करने के बाद आयोग के अधिकारियों ने राज्य के नोडल अधिकारी एके सिंह के साथ बैठक की। हालांकि तृणमूल की मांग पूरी तरह से पूरी नहीं हुई। हालांकि, सुरक्षा के हित में, सुरक्षा बल दूर से जांच सकते हैं कि क्या लाइन में खड़े लोगों के पास कोई पहचान पत्र है या नहीं। इसके अलावा, सुरक्षा बलों को पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी तरह से बूथ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

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