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तमिलनाडु विधानसभा के शताब्दी समारोह को लेकर अन्नाद्रमुक, द्रमुक में तनातनी

चेन्नई, 3 अगस्त (आईएएनएस)। पूर्व में तमिलनाडु विधानसभा के शताब्दी समारोह का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी अन्नाद्रमुक और सत्तारूढ़ द्रमुक के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। पूर्व मंत्री और अन्नाद्रमुक के नेता डी. जयकुमार ने आईएएनएस से कहा कि एआईएडीएमके उस समारोह में कैसे भाग ले सकती है जिसमें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम. करुणानिधि के चित्र का अनावरण किया गया था। डीएमके ने उनके चित्र अनावरण समारोह का बहिष्कार किया था। फरवरी 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक नेता जे. जयललिता ने इस कदम के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वरिष्ठ नेता आगे कहते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में हम कार्यक्रम में कैसे शामिल हो सकते हैं? इससे भी बढ़कर समारोहों के पीछे कोई तर्क नहीं है, क्योंकि 1952 में पहली विधानसभा के संविधान को ही ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह तब था जब देश ने एक गणराज्य बन गया और 1921 में जब मद्रास विधान सभा की विधायिका की स्थापना हुई तब भी देश ब्रिटिश शासन के अधीन था। हालांकि, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और द्रमुक नेता, आर. अवदयप्पन ने जयकुमार के सिद्धांत का खंडन किया और कहा कि घटनाओं ने एक प्रणाली के 100 साल पूरे होने को चिह्न्ति किया, जिसमें सीधे निर्वाचित प्रतिनिधि सदन के प्रमुख घटक थे। जस्टिस पार्टी जिसने राज्य में द्रविड़ आंदोलन शुरू किया, विधान परिषद में बहुमत प्राप्त किया और लोगों द्वारा सीधे चुने गए 98 सदस्यों में से 63 सीटें हासिल कीं। पूर्व अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक के दावों का भी खंडन किया और कहा कि सत्ता पर कब्जा करने के बाद, जस्टिस पार्टी ने समाज के पिछड़े वर्गों को रोजगार में आरक्षण प्रदान करने सहित सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कई उपाय किए। द्रमुक नेताओं ने कहा कि उन्होंने अन्नाद्रमुक विधायकों को आमंत्रित किया था लेकिन बाद में उन्होंने जानबूझकर उस समारोह का बहिष्कार किया जिसका उद्घाटन देश के राष्ट्रपति ने किया था। द्रमुक के वरिष्ठ नेता और राज्य के जल संसाधन मंत्री एस. दुरईमुरुगन ने आईएएनएस को बताया कि मैंने व्यक्तिगत रूप से हमारे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देश पर एडप्पादी के. पलानीस्वामी को समारोह में भाग लेने और हमारे सम्मान के कुछ शब्दों की पेशकश करने के लिए आमंत्रित किया है। वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के साथ मंच पर के. पलानीस्वामी के लिए एक कुर्सी रखने का निर्देश दिया था। फरवरी 2018 में अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री, जे. जयललिता के चित्र के अनावरण समारोह के बहिष्कार के बारे में पूछे जाने पर, दुरईमुरुगुआन ने कहा कि उन्होंने हमें कोई व्यक्तिगत निमंत्रण नहीं दिया, बल्कि सिर्फ एक निमंत्रण पत्र भेजा। तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने हमारे नेता को उचित सम्मान नहीं दिया और इसलिए हमने भाग नहीं लिया। यहां मैंने व्यक्तिगत रूप से विपक्षी नेता को आमंत्रित किया है और उन्होंने मुझे अपनी गैर-भागीदारी की सूचना नहीं दी, बल्कि सचिवालय को सूचित किया। अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच वाकयुद्ध सत्ताधारी मोर्चे और विपक्ष के बीच के संबंध के अंत का स्पष्ट संकेत है जो नई सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद प्रदर्शित हुआ था। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने के लिए 13 सदस्यीय समिति में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर को भी शामिल किया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने तब भविष्यवाणी की थी कि तमिलनाडु की राजनीति में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है, लेकिन हाल ही में पूर्व परिवहन मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता एमआर विजयभास्कर के परिसरों पर विजिलेंस के छापे ने संबंधों में दरार पैदा कर दी थी। अन्नाद्रमुक द्वारा एम. करुणानिधि के चित्र अनावरण समारोह का बहिष्कार करने के साथ, दोनों के बीच दरार व्यापक रूप से खुली हुई प्रतीत होती है। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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