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शिक्षा मंत्रालय के सकरुलर को लागू करवाने के लिए यूजीसी से संपर्क करेंगे शिक्षक

नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)। ज्वाइंट एक्शन कमेटी टू सेव रिजर्वेशन और दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ,ओबीसी टीचर्स फोरम यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय से सीधा संपर्क करेंगे। यह शिक्षक विश्वविद्यालयों में बैकलॉग पदों को भरवाने की मांग कर रहे हैं।शिक्षकों का कहना है कि मांगे पूरी न होने पर वह दिल्ली विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल करेंगे। शिक्षकों द्वारा अपनी इन मांगो के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से भी संपर्क किया जा रहा है। ज्वाइंट एक्शन कमेटी टू सेव रिजर्वेशन के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सकरुलर के अनुसार बैकलॉग पदों को भरवाने की मांग को लेकर शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर 4 सितंबर को शिक्षक दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्ट्स फैकल्टी पर एकत्रित होंगे। इसके साथ ही यूजीसी ,शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को एक ज्ञापन दिया जा रहा है। ज्ञापन में उनसे मांग की गई है कि 24 अगस्त 2021 के शिक्षा मंत्रालय के सकरुलर को पूर्णत लागू करते हुए मंत्रालय के निर्देशानुसार 5 सितंबर 2021 से 4 सितंबर 2022 तक एक वर्ष में भीतर आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों का बैकलॉग भरा जाए। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने 24 अगस्त 2021 को यह सकरुलर जारी किया है। इस सकरुलर के समर्थन में व उसे लागू कराने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के एससी, एसटी ,ओबीसी कोटे के शिक्षकों की एक मीटिंग 2 सितंबर को आर्ट्स फैकल्टी में बुलाई गई। इस मीटिंग में डीयू में कार्यरत्त सभी शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। मीटिंग में शिक्षकों से संबंधित मांगों के संदर्भ में भी चर्चा की गई। साथ ही यूजीसी ,शिक्षा मंत्रालय व वाइस चांसलर को दिया जाने वाला ज्ञापन भी तैयार किया गया। ज्वाइंट एक्शन कमेटी टू सेव रिजर्वेशन के संयोजक डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि एससी ,एसटी ,ओबीसी व ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों विश्वविद्यालय के विभागों व संबद्ध कॉलेजों में पिछले दो दशक से एडहॉक टीचर्स के रूप में पढ़ा रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों द्वारा बार-बार रोस्टर में बदलाव किए जाने के कारण परमानेंट अपॉइंटमेंट्स नहीं हो सकें। डॉ. सुमन का कहना है कि बैकलॉग पदों को भरने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को कॉलेजों से एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के खाली पड़े पदों के आंकड़े मंगवाये और पता लगाये कि कितने पदों का बैकलॉग है ,उसके बाद इन पदों का रोस्टर तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराए। फिर कॉलेजों को विज्ञापन देना चाहिए। विज्ञापन देते समय सभी वर्गों को बराबर प्रतिनिधित्व दे ताकि उम्मीदवारों के साथ सामाजिक न्याय हो। डॉ. सुमन का कहना है कि यदि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 24 अगस्त 2021 के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सकरुलर को स्वीकारते हुए जल्द से जल्द बैकलॉग पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं की तो ज्वाइंट एक्शन कमेटी अपने शिक्षकों के साथ भूख हड़ताल पर बैठने के लिए बाध्य होगी। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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