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वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए तमिलनाडु को मिलेगी केंद्र से वित्तीय सहायता

चेन्नई, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। तमिलनाडु सरकार को राज्य में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए केंद्र से धन मिलेगा। केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक ज्ञापन सौंपकर राज्य के वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए समर्थन मांगा है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष को आश्वासन दिया है कि इस उद्देश्य के लिए धन स्वीकृत दी जाएगी, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही मात्रा तय की जाएगी। हालांकि, तमिलनाडु के वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राज्य द्वारा मांगी गई राशि का खुलासा नहीं किया गया है। तमिलनाडु के वन मंत्री के. रामचंद्रन के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य के वन क्षेत्र को वर्तमान 23.98 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत का एक प्रस्ताव पेश किया था। यह बैठक सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के कार्यालय में हुई। तमिलनाडु सरकार ने पल्लीकरनई झील की दलदली भूमि के विकास के लिए भी एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने 19 अगस्त को राज्य को निर्देश दिया था कि वह पल्लिकरानी दलदली भूमि को रामसर स्थल के रूप में मानें और इसे पर्यावरण की ²ष्टि से संरक्षित करें। राज्य सरकार ने राज्य में बाघ अभयारण्यों को भी बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार का समर्थन मांगा है। इससे पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत नवगठित श्रीविल्लीपुथुर मेगामलाई टाइगर रिजर्व (एसएमटीआर) के लिए पहले ही 4.25 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। राज्य मंत्री ने केंद्र सरकार से तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में अक्सर होने वाले मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए धन की मंजूरी देने का भी अनुरोध किया है। केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने राज्य में हाथी गलियारे के विकास के लिए भी धन की मांग की है। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम

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