तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए तीन देशों के 53 नागरिक बरी
तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए तीन देशों के 53 नागरिक बरी

तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए तीन देशों के 53 नागरिक बरी

- साकेत कोर्ट 46 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 10 अगस्त से ट्रायल शुरू करेगा नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले तीन देशों के 53 नागरिकों को बरी कर दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अर्चना बेनीवाल ने इंडोनेशिया के 40, किर्गिस्तान के 12 और दक्षिण अफ्रीका के एक नागरिक को पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने पर बरी किया। कोर्ट में अब विदेशी नागरिकों के समझौते की याचिकाओं पर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभी तक 46 विदेशी नागरिकों ने अपने आप को निर्दोष बताते हुए कोर्ट में लड़ने का फैसला किया है। साकेत कोर्ट इन 46 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 10 अगस्त से ट्रायल शुरू करेगा। कोर्ट ने पिछली 23 जुलाई को इंडोनेशिया के 198 नागरिकों को पांच से सात हजार रुपये के जुर्माने पर बरी किया था। 21 जुलाई को किर्गिस्तान और इंडोनेशिया के 121 विदेशी नागरिक बरी किये गए थे। 20 जुलाई को कोर्ट ने किर्गीस्तान और बांग्लादेश के 121 विदेशी नागरिकों को पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने पर बरी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कुछ विदेशी नागरिकों को दिन भर कोर्टरूम में खड़ा रहने की सजा दी थी। 17 जुलाई को थाईलैंड के 34 नागरिकों को बरी किया गया था। 16 जुलाई को 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को जमानत मिली थी। 16 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने 275 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इन 275 विदेशी नागरिकों को सजा के तौर पर दिन भर कोर्ट रूम में खड़ा रहने का आदेश दिया था। इसके अलावा साकेत कोर्ट ने इन विदेशी नागरिकों पर 5 से 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने पिछली 15 जुलाई को श्रीलंका के 17 नागरिकों को बरी कर दिया था। उसी रोज कोर्ट ने 200 इंडोनिशाई नागरिकों को जमानत दी थी। पिछली 14 जुलाई को भी साकेत कोर्ट ने इंडोनेशिया के 150 नागरिकों को जमानत दी थी। पिछली 11 जुलाई को कोर्ट ने थाईलैंड और नेपाल के 75 नागरिकों को जमानत दी थी। पिछली 10 जुलाई को कोर्ट ने 62 मलेशियाई नागरिकों और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को बरी कर दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने इन 73 विदेशी नागरिकों को सात से दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए बरी करने का आदेश दिया था। इन विदेशी नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर की थी जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया। सुनवाई के दौरान इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ शिकायत करनेवाले लाजपत नगर के एसडीएम और लाजपत नगर के एसीपी और निजामुद्दीन के इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्हें इन विदेशी नागरिकों को बरी करने पर कोई आपत्ति नहीं है। साकेत कोर्ट ने 10 जुलाई को बांग्लादेश के 82 नागरिकों को जमानत दी थी। कोर्ट ने पिछली 9 जुलाई को 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दी थी। साकेत कोर्ट ने जिन 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत देने का आदेश दिया था उनमें माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, दिजिबाउटी, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार शामिल हैं। 9 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने ही 60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया था। इन मलेशियाई नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर की थी जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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