चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में स्वामी को प्रतिशपथपत्र पेश करने के निर्देश
चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में स्वामी को प्रतिशपथपत्र पेश करने के निर्देश

चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में स्वामी को प्रतिशपथपत्र पेश करने के निर्देश

नैनीताल, 11 जून (हि.स.)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के मामले में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को 22 जून तक प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बीजेपी सांसद व चर्चित अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है। याचिका में कहा कि देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में तीखा रोष है। याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश , केरल व महाराष्ट्र सरकार ने भी इस तरह के निर्णय लिये थे, जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं और सुप्रीम कोर्ट इसे गलत ठहरा चुका है। याचिका में कहा कि ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय पहले से ही हैं। याचिका में कहा कि जिन राज्यों ने इस तरह के निर्णय लिये थे उन्होंने कभी मस्जिद, गिरजाघर को विधेयक में शामिल क्यों नहीं किया। सिर्फ मंदिरों को ही शामिल क्यों किया गया। याचिका में कहा गया कि जब तक इसमें कोर्ट से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक सरकार इसमें कोई अग्रिम कार्यवाही न करे। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को 22 जून तक प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी-hindusthansamachar.in

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