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शिमला की तर्ज पर मसूरी में रेल कनेक्टिविटी के लिए होगा सर्वे

-मंत्री गणेश जोशी ने की रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात, मांगा सहयोग नई दिल्ली/ देहरादून, 16 जून (हि.स.)। उत्तराखंड के काबीना मंत्री गणेश जोशी ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने पर्यटन नगरी मसूरी को शिमला की तर्ज पर रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने और अन्य कुछ प्रस्तावों पर सहयोग मांगा। साथ ही औद्योगिक विकास नीति स्कीम 2017 को तीन साल और बढ़ाए जाने और हरिद्वार में 'इनलैंड कंटेनर डिपो(आईसीडी)' की स्थापना की मांग की। रेलमंत्री ने मसूरी को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने के प्रस्तावों की मांग पर केंद्रीय रेलमंत्री ने राज्य के औद्योगिक आस्थानों के लिए इनलैंड कंटेनर डिपो की मांग का समर्थन किया। साथ ही कहा कि इस प्रस्ताव का शीघ्र ही परीक्षण करवा कर सर्वे शुरू कराया जाएगा। उन्होंने राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जारी की गई औद्योगिक विकास स्कीम, 2017 के लाभ 2022 के बाद भी जारी रखने, फार्मा इण्डस्ट्रीज के लिए प्रयोगशाला परीक्षण उपकरण तथा क्वालिटी कंट्रोल उपकरणों को पात्र घटक को शामिल करने का अनुरोध किया। जोशी ने हरिद्वार जिले में तकरीबन 700 से अधिक पूर्व से स्थापित उद्योगों के लिए बेहतर माल ढुलाई सुविधा उपलब्ध कराने और इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) की स्थापना का अनुरोध किया। औद्योगिक विकास मंत्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग), भारत सरकार की अधिसूचना फा. सं. 2 (2)/2018-एसपीएस, 23 अप्रैल, 2018 द्वारा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए औद्यागिक विकास स्कीम -2017 स्वीकृत की गई है। यह 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगी। राज्य के लिए स्वीकृत उक्त पैकेज में केंद्रीय पूंजी निवेश उपादान की आकर्षक सुविधा है। इस कारण राज्य में औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा नये उद्येगों की स्थापना अथवा अपने विद्यमान उद्यम के विस्तार का कार्य किया जा रहा है। काफी उद्यमी नये उद्योग की स्थापना या विद्यमान उद्यम के विस्तार के लिए आगे आ रहे हैं, किन्तु गत वर्ष से कोविड-19 के प्रथम व द्वितीय लहर में लॉकडाउन तथा वित्तीय संसाधन जुटाने में कठिनाइयां हो रही है। जोशी ने कहा है कि सुगम, सुरक्षित एवं त्वरित यातायात व्यवस्था उपलब्ध न होने के कारण औद्योगिक इकाइयां सिर्फ सड़क यातायात पर ही निर्भर हैं। औद्योगिक इकाइयां इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) की मांग करती रही हैं। इसका लाभ राज्य एकीकृत औद्योगिक आस्थान नवरत्न कम्पनी बीएचएल,भगवानपुर औद्योगिक आस्थान, सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र तथा आसपास के अन्य उद्योगों को भी मिलेगा। रेल मंत्रालय के माध्यम से हरिद्वार में बीएचईएल की लगभग 100 एकड़ अप्रयुक्त भूमि का प्रयोग कर आईसीडी स्थापित किया जा सकता है। गणेश जोशी ने कहा कि हरिद्वार जनपद में राज्य एकीकृत औद्योगिक आस्थान तथा आसपास के अन्य इंडस्ट्रियल एस्टेट को मिला कर लगभग 2000 एकड़ से अधिक भूमि में औद्योगिक आस्थान विकसित किए गए हैं। इन औद्योगिक आस्थानों में लगभग 700 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें लगभग 1,25,000 रोजगार के अवसर विकसित हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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