सुप्रीम कोर्ट का याचिकाकर्ताओं को आदेश, तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की सूची केंद्र को सौंपें
सुप्रीम कोर्ट का याचिकाकर्ताओं को आदेश, तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की सूची केंद्र को सौंपें

सुप्रीम कोर्ट का याचिकाकर्ताओं को आदेश, तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की सूची केंद्र को सौंपें

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं को आदेश दिया कि वे तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के उन विदेशी सदस्यों की सूची केंद्र सरकार को सौंपे, जिन्हें हिरासत में रखा गया है। याचिकाओं में तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की वापसी की मांग की गई है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को सूची सौंपने के बाद ही इस मामले पर विचार किया जाएगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि वे अबतक अपने देश वापस नहीं लौट पाए हैं। विदेशी तब्लीगी जमात सदस्यों का पासपोर्ट भी वापस नहीं किया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पहले ही सुप्रीम कोर्ट को बता चुके हैं कि 34 में 23 याचिकाकर्ता दोषी पाए गए हैं और उन पर जुर्माना लगाने के बाद उन्हें घर लौटने के लिए कह दिया गया है। कई याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने पीठ से आग्रह किया कि उनके 23 मुवक्किलों की घर वापसी जल्द से जल्द होनी चाहिए। उधर दिल्ली हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लेने के संबंध में दर्ज प्राथमिकी रद करने की मांग वाली 24 विदेशी नागरिकों की याचिकाओं पर केंद्र और पुलिस से जवाब मांगा है। इन विदेशी नागरिकों पर कोरोना पर जारी सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके निजामुद्दीन स्थित मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने का आरोप है। हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली पुलिस से अगली सुनवाई की तारीख 10 अगस्त से पहले इस मामले में अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अदालत को बताया गया कि याचिकाएं दायर करने वाले इन 24 विदेशी नागरिकों ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में पहले ही अपना जुर्म कुबूल कर लिया है और कम सजा की गुहार लगाई है। विदेशी नागरिकों की ओर से कहा गया कि लॉकडाउन नियमों को तोड़ने के अपराध को मानने और जुर्माने का भुगतान करने के बाद इन्हें छोड़ने की अनुमति दी गई थी लेकिन सीलमपुर पुलिस थाने में दर्ज अन्य प्राथमिकियों के कारण वे वापस अपने देश लौटने में समर्थ नहीं हैं। दलील दी गई कि एक ही अपराध के लिए दो प्राथमिकियां दर्ज नहीं की जा सकती हैं।-newsindialive.in

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