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केंद्रीय मंत्री निशंक की कहानियां पहाड़ी समस्याओं को उठाने में सक्षम

नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक राजनेता होने के अलावा उच्च कोटि के साहित्यकार भी हैं। पोखरियाल की कहानियां पहाड़ी समस्याओं को उठाने में सक्षम हैं। उनकी कहानियों के पात्र हमारे इर्द -गिर्द के हैं जो जीवन की समस्याओं से जूझते हुए जीवट दिखायी पड़ते हैं। उक्त बातें डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के कहानी संग्रह 'मेरे संकल्प' पर आयोजित गोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने कहीं। स्याही ब्लू और हिमालय विरासत ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित इस वार्ता में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के गुरु डॉ योग्रन्द्रनाथ शर्मा 'अरुण' सहित डॉ. स्मिता मिश्रा, डॉ. लता चौहान, डॉ. राज कुमार उपाध्याय 'मणि', डॉ शैलेन्द्र कुमार शर्मा और डॉ. मुन्नी चौधरी आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के संचालक डॉ. मुन्नी चौधरी ने कहा कि रमेश पखरियाल की कहानियां पहाड़ी सौंदर्य के पीछे छुपे कुरुप दुनियां को भी सामने लाती हैं। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि उनकी कहानियों में आने वाले पात्र हमारे इर्द -गिर्द के पात्र हैं जो जीवन की समस्याओं से जूझते हुए जीवट दिखायी पड़ते हैं। उनकी कहानियों में स्त्री प्रेम के पक्षों के साथ-साथ पुरूष प्रेम का वो पक्ष भी आता है जहां पुरुष प्रेम भी त्याग और ममतामयी नजर आता है। केवल स्त्री हीं नही पुरुष भी प्रेम में सर्वस्व न्योछावर हो जाता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रमेश पोखरियाल के जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई। उल्लेखनीय है कि कोरोना से उबरने के बाद फिर से स्वास्थ्य समस्या होने पर उपचार के लिए वह अभी एम्स में भर्ती हैं। निशंक के साहित्यिक गतिविधियों के सलाहकार डॉ बेचैन कंडियाल ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सबको बधाई दी। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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