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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला: नए प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा आदेश, सुनवाई 9 मार्च को

मथुरा, 24 फरवरी (हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में वाद संख्या 950 के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में बुधवार को एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इसमें कहा गया कि शाही ईदगाह परिसर में लगे देवी-देवताओं के अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। इस कार्य को तत्काल रुकवाया जाए। अदालत ने बहस सुनने के बाद फाइल को आर्डर के लिए सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि निर्धारित की है। ठाकुर केशवदेव महाराज बनाम इंतजामिया कमेटी आदि मामले में 13.37 एकड़ जमीन पर यथा स्थिति बनाए रखने के लिए अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप ने सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में बुधवार को शपथ पत्र के साथ एक प्रार्थना पत्र दिया। अधिवक्ता द्वारा दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र पर बुधवार दोपहर बाद बहस पूरी होने पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रखा लिया है, जिसमें कहा गया है कि ठाकुरजी के मंदिर को औरंगजेब ने तुड़वाकर मंदिर के पत्थरों से उक्त स्थान पर एक ढांचा, जिसे ईदगाह कहा जाता है बनवा दिया। ढांचे में मंदिर के ही पत्थर इत्यादि लगे हैं। जिन पर मौजूद पच्चीकारी हिन्दू स्थापत्यकला को दर्शाती है। विभिन्न स्थानों पर लगे पत्थरों पर उसे देखा जा सकता है। तमाम पत्थरों को पलट कर लगा दिया गया है। इन सभी तथ्यों को नोट करने के लिए अमीन कमीशन के माध्यम से स्थल आख्या मंगाए जाने का प्रार्थनापत्र वादीगण की ओर से प्रस्तुत किया गया था। जिसमें शाही मस्जिद, ईदगाह इंतजामिया कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति, श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। इस पर प्रतिवादी पक्ष द्वारा आपत्ति का अवसर मांगा गया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि निर्धारित की है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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