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हरियाणा सीएम के घेराव की जांच रिपोर्ट से सहमत नहीं स्पीकर

-पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के अधिकारियों ने सौंपी रिपोर्ट -विधानसभा में विश्वास मत के बाद अकाली विधायकों ने किया था घेराव चंडीगढ़, 25 मार्च (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री के घेराव के मामले में पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के अधिकारियों की पेश की गई रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगा दिया है। इस रिपोर्ट में किसी की जिम्मेदारी तय नहीं किए जाने पर स्पीकर ने अध्यन के निर्देश दे दिए हैं। सीएम की सुरक्षा में सेंध को लेकर इस रिपोर्ट में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। अलबत्ता भविष्य में ऐसी गलती न हो इसके लिए सुझाव दे दिए गए हैं। हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बीती दस मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब विधानसभा में विश्वास का मत हासिल करने के बाद बाहर निकले थे तो वहां पहले से मौजूद पंजाब के अकाली विधायक सीएम की सुरक्षा में सेंध लगाकर उनके करीब आ गए थे और घेराव करते हुए नारेबाजी की थी। विधानसभा की तरफ से अकाली विधायकों के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया गया था। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने डीजीपी मनोज यादव, चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप चहल और पंजाब के आईजी स्तर के एक अधिकारी को जांच सौंपी गई थी। इस कमेटी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है। तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने यह नहीं माना कि इस प्रकरण में पुलिस या खुफिया एजेंसियों की कोई लापरवाही थी। डीजीपी मनोज यादव के नेतृत्व वाली जांच कमेटी ने भविष्य में ऐसी घटना न होने देने के लिए सुझाव दिए हैं। कमेटी ने कहा है कि पंजाब व हरियाणा विधानसभा में प्रवेश के लिए सात द्वार हैं। इन सभी प्रवेश द्वार पर दोनों राज्यों के पुलिस व खुफिया अधिकारी रहने चाहिए। विधानसभा सत्र जब भी शुरू हो, तभी हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के अधिकारियों की संयुक्त मीटिंग आयोजित की जाए तथा सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा की जाए। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों राज्यों का विधानसभा सत्र की कार्रवाई के दौरान संयुक्त नियंत्रण कक्ष बने। विधानसभा में प्रवेश के सभी सात रास्तों पर बैरीकेड्स लगाए जाएं। विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर साजिशन और इरादतन हमला किया गया था। इस बारे में हमने नौ अकाली विधायकों व अन्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। हमने उच्च स्तरीय कमेटी से जांच भी कराई है। जांच रिपोर्ट हमें मिल चुकी है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। प्राथमिक तौर पर रिपोर्ट देखने में लग रहा है कि इसमें किसी की जवाबदेही नहीं है। अध्ययन के बाद यदि इस रिपोर्ट में खामियां मिलीं तो इसे डीजीपी को वापस भेजा जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/रामानुज

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