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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ई-वेस्ट पर वेबिनार का किया आयोजन

नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ई-वेस्ट के प्रबंधन पर वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार के आयोजन का मुख्य लक्ष्य नागरिकों को ई-वेस्ट के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना था। परस्पर संवादात्मक तरीके से आयोजित इस वेबिनार में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों, उनके परिवारों एवं विभिन्न पुलिस कॉलोनियों के निवासियों ने भाग लिया। वेबिनार में ई-वेस्ट के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्तमान में ई-वेस्ट एक गंभीर वैश्विक समस्या बनती जा रही है। भारत विश्व का पांचवा सबसे ज्यादा ई-वेस्ट उत्पादक है। ई-वेस्ट मानव सभ्यता के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है, ई-वेस्ट में मौजूद मर्करी, लिथियम, आर्सेनिक, बेरियम, कैडमियम इत्यादि पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक हैं। भारत विश्व के प्रमुख छ: देशों में से हैं जहां पर गैर कानूनी तरीके से ई-वेस्ट का आयात किया जाता है। 2016 में भारत द्वारा ई-वेस्ट प्रबंधन नियमों को अधिसूचित किया गया, जिनमें 2018 में फिर से बदलाव किया गया। भारत में ई-वेस्ट संग्रहण, निस्तारण एवं परिवहन का समस्त कार्य ऐसे असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है जोकि ई-वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण से अनभिज्ञ हैं। बल्कि ई-वेस्ट से सोने चांदी जैसी कीमती धातुओं को निकालने के कार्य में छोटे बच्चों का इस्तेमाल भी किया जाता है जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है। निदेशक आई टी दक्षिणी निगम भूपेश चौधरी ने इस विषय का परिचय देते हुए कहा कि, ई-वेस्ट निस्तारण भारत के लिए एक नई संकल्पना है तथा अधिकतर नागरिक इसके दुष्प्रभावों से परिचित नहीं है तथा न ही उन्हें इसके कुशल निष्पादन के तरीकों की जानकारी हैं। उन्होंने दक्षिणी निगम द्वारा ई-वेस्ट निस्तारण के लिए तैयार एप्लीकेशन के बारे में बताया कि, इसके माध्यम से नागरिक अपने ई-वेस्ट का सुरक्षित एवं वैज्ञानिक तरीके से निपटान कर सकते हैं। इस अवसर पर एप्लीकेशन कैसे कार्य करता है इसका भी प्रदर्शन किया गया। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

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