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कुंभ की पेशवाई में सतपाल ब्रह्मचारी ने पेश की मिसाल, शाही यात्रा रुकवाकर एंबुलेंस को दिया रास्ता

हरिद्वार, 12 अप्रैल (हि.स.)। शाही स्नान को जा रहे अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर सतपाल ब्रह्मचारी ने अपने अखाड़े की पेशवाई रुकवाकर एंबुलेंस को रास्ता दिया। हालांकि अखाड़ों का समय निर्धारित होता है और उन्हें उसी निर्धारित समय के अंतराल में स्नान करना होता है। अखाड़े यह चाहते हैं कि उनकी रथयात्रा कहीं भी न रुके लेकिन सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा उठाया गया यह एक कदम शायद किसी की जान बचा गया। घटनाक्रम के अनुसार आज अग्नि अखाड़ा की रथयात्रा शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी का रुख कर रही थी। लगभग 40 रथों की पेशवाई के साथ सतपाल ब्रह्मचारी हरकी पैड़ी की ओर जा रहे थे। उसी दौरान अचानक हरिद्वार शहर से एक एंबुलेंस सायरन बजाते हुए हायर सेंटर एम्स के लिए जा रही थी। संतों की भारी भीड़, समर्थकों का हुजूम और चारों तरफ लगे बैरीकेड से जैसे-तैसे एंबुलेंस डामकोठी तक तो पहुंच गई लेकिन उसके बाद गंगा पुल पर खड़े संतों के रथों ने पूरा रास्ता घेर लिया। ऐसे में सतपाल ब्रह्मचारी ने एंबुलेंस का सायरन सुना और वह अपने रथ से उतरकर एंबुलेंस की तरफ बढ़े। अपने समर्थकों को सतपाल ब्रह्मचारी ने रथ से नीचे उतारा और एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए कहा। इतना ही नहीं, रथ पर बैठे हुए तमाम महामंडलेश्वरों को भी उन्होंने रोक दिया और आगे रास्ता बनाने को कहा। उन्होंने मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस को पहले तवज्जो दी और एंबुलेंस समय रहते वहां से गुजर गई। सतपाल ब्रह्मचारी के इस कदम की चौतरफा लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

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