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तेलंगाना से आई सारिका किन्नर ने मां की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया

वाराणसी, 28 जून (हि.स.)। तेलंगाना से आई किन्नर सारिका ने अपनी मां की अस्थियां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा में प्रवाहित कर दिया। विधिवत पूजा-पाठ करा कर अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए सारिका ने राजेन्द्र प्रसाद घाट पर पिंडदान भी किया। सोमवार को पिंडदान के बाद सारिका किन्नर ने बताया कि मेरी मां की अन्तिम इच्छा थी जब मेरी मृत्यु हो तो मेरा अस्थि कलश काशी स्थित गंगातट पर प्रवाहित हो। उनकी अन्तिम इच्छा को पूरा करने के लिए अस्थि कलश लेकर तेलंगाना से रविवार की शाम वाराणसी आई। सारिका किन्नर ने बताया कि मेरी मां बाबा विश्वनाथ की अगाध भक्त थी। हर साल काशी आती थी। काशी से उनको बहुत ही लगाव हो गया था। बाबा विश्वनाथ अर्धनारीश्वर के रूप में भी जाने जाते हैं। उनके भक्तों में किन्नर भी शामिल है। काशी में मोक्ष प्राप्त करने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं, लेकिन जिनकी मृत्यु यहां नहीं होती है। उनके परिजन मृत्यु के बाद अस्थियों का विसर्जन करने काशी आते हैं। यहां मृतक की आत्मा की शान्ति के लिए अस्थियां गंगा में प्रवाहित करते है। पिंडदान के बाद मृतक के मोक्ष की कामना करते है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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