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त्रिपुरा में मिजोरम के आदिवासियों के पुर्नवास के लिए 1,200 करोड़ रुपये की योजना

अगरतला, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र और त्रिपुरा सरकार ने 36,140 आदिवासी प्रवासियों के पुर्नवास के लिए 1,200 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है, जो 24 साल पहले निकटवर्ती राज्य में जातीय संघर्ष के बाद मिजोरम से भाग गए थे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने दी। देब ने कहा, त्रिपुरा सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित रियांग आदिवासियों को पुर्नवास करने के लिए विभिन्न जिलों में 13 स्थानों का चयन किया है, जिन्हें स्थानीय रूप से ब्रू कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रियांग आदिवासियों के 24 साल पुराने जातीय संकट के समाधान के लिए साहसिक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने पहले ही त्रिपुरा में इन आदिवासी प्रवासियों के पुर्नवास के लिए 600 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। मिजोरम, त्रिपुरा के मुख्य सचिवों, केंद्रीय गृह मंत्रालय, संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शरणार्थियों के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले साल जनवरी में हस्ताक्षर किए गए समझौते के अनुसार, लगभग 5,400 परिवारों में से 36,140 परिवार रियांग आदिवासी समुदाय को त्रिपुरा के विभिन्न जिलों में बसाया जाएगा। अक्टूबर, 1997 से रियांग जनजाति को उत्तरी त्रिपुरा के कंचनपुर और पनीसागर उप-डिवीजनों में सात राहत शिविरों में शरण दी गई है। दिल्ली में चार-भागीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के 15 महीने से भी अधिक समय बाद लगभग 890 रियांग आदिवासियों के पहले बैच का पुर्नवास 19 अप्रैल को शुरू हुआ था। धलाई के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर गोवेकर मयूर रतिलाल ने कहा कि आदिवासी अब अपने स्थायी पुनर्वास से पहले अंबासा और लोंगथराई घाटी उप-डिवीजनों में नए बने अस्थायी मकान में अस्थायी रूप से रहेंगे। डीएम ने आईएएनएस को फोन पर बताया, संबंधित विभागों ने आदिवासियों के लिए पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री द्वारा नवंबर 2019 में 36,140 आदिवासी शरणार्थियों को स्वीकार करने और राज्य में उनका पुर्नवास करने पर सहमति के बाद समझौता हुआ था। रियांग आदिवासियों को भी त्रिपुरा में मतदाताओं के रूप में शामिल किया जाएगा जैसा कि समझौते में रखा गया था, जिस पर पिछले साल 16 जनवरी को हस्ताक्षर किए गए थे। केंद्र ने त्रिपुरा में एक आदिम जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त रियांग आदिवासियों के निपटान के लिए 600 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। पैकेज में से 150 लाख रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए त्रिपुरा सरकार को दिए जाएंगे और बाकी इन आदिवासियों के कल्याण पर खर्च किए जाएंगे। --आईएएनएस एचके/एसजीके

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