सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती का पक्ष कौन रखेगा, साफ नहीं
सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती का पक्ष कौन रखेगा, साफ नहीं

सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती का पक्ष कौन रखेगा, साफ नहीं

- महाराष्ट्र सरकार की पैरवी करेंगे केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज आर. बसंत - पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी बिहार सरकार की ओर से पेश होंगे - सुशांत सिंह के पिता का पक्ष रखेंगे वरिष्ठ वकील विकास सिंह संजय कुमार नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को होनेवाली सुनवाई में वरिष्ठ वकील और केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज आर.बसंत महाराष्ट्र सरकार की पैरवी करेंगे। बिहार के लिए पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सुशांत सिंह के पिता के लिए वरिष्ठ वकील विकास सिंह पेश होंगे। रिया चक्रवर्ती के लिए कौन जिरह करेगा, अभी साफ नहीं है। रिया चक्रवर्ती की याचिका पर जस्टिस ऋषिकेष राय की सिंगल बेंच सुनवाई करेगी। इस मामले में बिहार सरकार, महाराष्ट्र सरकार और सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दाखिल किया है। बिहार सरकार रिया चक्रवर्ती की याचिका का विरोध करेगी। रिया चक्रवर्ती ने अपने खिलाफ फटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर किया है। रिया चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मुंबई में पहले से जांच चल रही है। एक ही घटना की दो जगह जांच नहीं हो सकती। सुशांत सिंह के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाया है। एफआईआर में रिया चक्रवर्ती को सुशांत के सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। रिया पर सुशांत सिंह राजपूत के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर होने का आरोप लगाया है। सुशांत की खुदकुशी के बाद मुंबई में भी जांच चल रही है। मुंबई पुलिस अब तक 35 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। कोर्ट ने 30 जुलाई को सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता अलका प्रिया और सिंधु सिंह से कहा पुलिस को उनका काम करने दीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस मामले में आपका कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कोई व्यक्ति अच्छा व्यक्ति था या बुरा व्यक्ति। यह क्षेत्राधिकार के बारे में भी है। अगर आपके पास दिखाने के लिए कुछ ठोस है तो आप बांबे हाईकोर्ट जाएं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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