Residents gave tearful farewell to Captain Ankit
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कैप्टन अंकित को शहरवासियों ने दी अश्रुपूरित विदाई

- साथी कमांडो ने दी अंतिम सलामी, पोस्टमार्टम के बाद सलामी के लिए 10 पैरा के मुख्यालय में रखी गई पार्थिव देह जोधपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। शहर के कायलाना में सात दिन पूर्व; अभ्यास के दौरान कायलाना झील में हेलिकॉप्टर से कूदने के बाद डूबे कैप्टन अंकित का अंतिम संस्कार जोधपुर में ही सैन्य क्षैत्र स्थित डिगाड़ी गांव के श्मशान घाट पर किया गया। कैप्टन अंकित के परिजनों ने जोधपुर में ही अंतिम संस्कार की इच्छा व्यक्त की थी। बुधवार सुबह उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह को 10 पैरा स्पेशल फोर्स के मुख्यालय ले जाया गया। वहां उनके साथी जवानों एवं अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। डिगाड़ी गांव में उन्हें विदाई देने के लिए सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा। कायलाना में छह दिन चले सर्च ऑपरेशन के बाद मंगलवार को सेना को कैप्टन अंकित का शव खोज निकालने में सफलता मिली थी। शव को बाहर निकाल मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। वहां से बुधवार सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। पोस्टमार्टम के दौरान सेना के जवानों ने मोर्चरी की तरफ का रास्ता पूरी तरह से बंद कर उस तरफ का आवागमन तक रोक दिया। कड़ी सुरक्षा में पार्थिव देह को एक सुसज्जित सैन्य वाहन में रख 10 पैरा मुख्यालय पहुंचाया गया। यहां पर उनके साथी कमांडो ने उन्हें अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम सलामी दी। इस दौरान कैप्टन अंकित के परिजन लगातार साथ रहे। रातानाडा स्थित 10 पैरा के मुख्यालय से पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए सैन्य क्षेत्र से सटे डिगाड़ी गांव के श्मशान स्थल ले जाया गया। कैप्टन अंकित का शव लगातार छह दिन तक पानी में डूबा रहा। इस कारण शरीर बहुत गल गया। परिजनों ने भारी मन से मंगलवार देर रात ही सेना को जोधपुर में ही दाह संस्कार करने की अपनी इच्छा से अवगत करवा दिया था। इसके बाद आज दोपहर में तीन बजे सेना ने दाह संस्कार की पूरी तैयारी की। ऐसे हुआ हादसा पैरा कमांडो स्पेशल फोर्सेज का पूरे साल अभ्यास चलता रहता है। डेजर्ट वारफेयर में महारत रखने वाली 10 पैरा के कमांडो को एक हेलिकॉप्टर से पहले अपनी बोट को पानी में फेंक स्वयं भी कूदना था। इसके बाद उन्हें बोट पर सवार होकर दुश्मन पर हमला बोलना था। इस अभियान के तहत कैप्टन अंकित के नेतृत्व में 4 कमांडो ने कायलाना जलाशय में गुरुवार को पहले अपनी नाव को फेंका और उसके बाद खुद भी पानी में कूद पडे़। तीन कमांडो तो नाव पर पहुंच गए, लेकिन कैप्टन अंकित नहीं पहुंच पाए। उनके साथ के अन्य कमांडो ने थोड़ा इंतजार करने के बाद किसी अनहोनी की आशंका से स्वयं पानी में उतर खोज शुरू की। साथ ही अपने अन्य साथियों के माध्यम से जोधपुर स्थित मुख्यालय को सूचना दी। मंगलवार दोपहर में उनका शव पानी से बाहर निकाला जा सका था। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप-hindusthansamachar.in

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