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जानी-मानी हस्तियों ने मुसलमानों का पिछड़ापन दूर करने के लिए किया मंथन

- रिटायर्ड अधिकारी, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षाविद और पत्रकार समेत कॉर्पोरेट जगत से जुड़े लोगों ने बढ़ाया हाथ नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। भारतीय मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जानी-मानी मुस्लिम हस्तियों के एक ग्रुप की बैठक गुरुवार को शेरवानी होटल में आयोजित हुई। इस बैठक में बड़ी तादाद में सामाजिक कार्यकर्ताओं, सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर के साथ-साथ मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्यरत उच्च अधिकारियों, शिक्षाविद और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले नामचीन मुस्लिम चेहरे दिखाई दिए। बैठक का उद्देश्य देश के अंदर हर क्षेत्र में काम कर रहे मुसलमानों को उनके काम के क्षेत्र में सही नेतृत्व और दिशा-निर्देश प्रदान करना है। इस मौके पर इम्पार नामक संगठन को भी सक्रिय किया गया है। हालांकि यह संगठन पिछले एक वर्षों से काम कर रहा है लेकिन अब इसका और अधिक विस्तार किया जा रहा है। संगठन की तरफ से मुस्लिम महिलाओं को एकजुट करने और उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करने के लिए महिला दिवस के दिन राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर सम्मेलन और संगोष्ठी आयोजित करने का फैसला किया गया है। इन सम्मेलनों के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को तलाक, दहेज, घरेलू हिंसा और उत्पीड़न जैसी समस्याओं से निपटने और उसका सामना करने के लिए उन्हें प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा। इम्पार की तरफ से आने वाले दिनों में मुस्लिम शिक्षण संस्थानों का एक सम्मेलन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया है। इस सम्मेलन के माध्यम से मुसलमानों के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने की रणनीति बनाई जाएगी। इस सम्मेलन में यह तय करने का प्रयास किया जाएगा कि सरकार की मदद के बिना ऐसे मुस्लिम युवाओं को जो कि उच्च शिक्षा के लिए पैसा नहीं खर्च कर सकते हैं, उन्हें कैसे उच्च शिक्षा प्रदान कराई जाए। इसके लिए मुस्लिम शिक्षण संस्थानों में ऐसे सभी छात्रों के लिए अलग से निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इम्पार की तरफ से मुसलमानों को हर तरह की निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस सिलसिले में कोरोनाकाल के दौरान तबलीगी जमात के मरकज से गिरफ्तार होने वाले बहुत सारे जमातियों को रिहा कराने का काम किया गया है। इसके अलावा सरकारी बैंकों आदि से ऋण की व्यवस्था करा कर मुस्लिम नौजवानों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का काम भी इम्पार की टीम कर रही है। टीम का मानना है कि हमारे देश के मुसलमानों में कौशल की कोई कमी नहीं है। अगर मुस्लिम नौजवानों को इस तरह काम में थोड़ा बहुत भी मदद की जाए तो वह बहुत आगे निकल सकते हैं। इसलिए इम्पार की टीम इस दिशा में सबसे अधिक ध्यान दे रही है। बैठक में सभी की सहमति से यह तय किया गया है कि इम्पार को अपने कामकाज को सुव्यवस्थित करना चाहिए और विश्वसनीय स्तर बनाने के लिए कुछ एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इनमें विशेषकर राष्ट्रीय स्तर पर नीति और धारणा प्रबंधन और आर्थिक अवसरों और जमीनी स्तर पर शिक्षा आंदोलन पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान, इंडिया इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, शेरवानी होटल्स के एमडी सईद शेरवानी, आरबीआईए के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शीबा असलम, सऊदी अरामको में सलाहकार जावेद यूनुस, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में ईडी खैरुल निसा, मौलाना अबुल कलाम विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रोफेसर अख्तरुल वासे, नेक्स्टजेन लाइफ की एमडी डॉक्टर नगमा अब्बासी एमडी, रक्षा विशेषज्ञ क़मर आगा, आईसीएसआई के पूर्व अध्यक्ष निसार अहमद, जीआईएल के एमडी शमशेर सिद्दीकी, संपादक नाज़ असगर, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी, आईसीएफए के अध्यक्ष डॉक्टर एमजे खान, इम्पावर के ईडी खालिद अंसारी, फ्लिपकार्ट के निदेशक तफहीम सिद्दीकी और इम्पार के सीईओ सिराज अब्बासी ने हिस्सा लिया। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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