भूमि पूजन के दिन लाल रंग की पोशाक पहनेंगे रामलला
भूमि पूजन के दिन लाल रंग की पोशाक पहनेंगे रामलला

भूमि पूजन के दिन लाल रंग की पोशाक पहनेंगे रामलला

- चौथी पीढ़ी में अयोध्या के शंकर लाल टेलर बना रहे हैं रामलला की पोशाक पवन पाण्डेय अयोध्या, 27 जुलाई (हि.स.)। अयोध्या में भूमि पूजन के बाद 5 अगस्त को रामलला लाल रंग की पोशाक पहनेंगे। इसे राम नगरी के वंशागत प्रमुख टेलर भगवत प्रसाद और शंकर लाल सिल रहे हैं। उन्हीं की पीढ़ियों ने रामलला सहित अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों में भगवान के वस्त्र सिलने के काम किए हैं। रामलला को हर दिन अलग रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। वैसे तो रामलला बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनते हैं लेकिन 5 अगस्त को भूमि पूजन के विशेष अवसर पर उन्हें लाल रंग के कपड़े पहनाए जाएंगे। हिन्दू मान्यता के अनुसार लाल रंग शुभ माना जाता है और विजय का प्रतीक है। इसे मंगल वेश भी कहा जाता है। अयोध्या में मनीराम छावनी मार्ग पर बाबूलाल टेलर्स की दुकान है। यहां भगवत लाल और उनके छोटे भाई शंकर लाल अपने भतीजे मुन्नी लाल के साथ कपड़ों की सिलाई करते हैं। रामलला के लिए दो पीढ़ियों से शंकरलाल का परिवार पोशाक बना रहा है। 'हिन्दुस्थान समाचार' को शंकर लाल ने सोमवार को बताया कि यह उनकी चौथी पीढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज स्वर्गीय बाबूलाल ने भी अपनी पहचान भगवान की पोशाक बनाने वाले के रूप में बनाई थी जिसे हमारी पीढ़ी भी आगे बढ़ा रही है। बाबूलाल टेलर के नाम से हमारी फर्म ही भगवान राम की प्रतिमा के लिए वस्त्र (पोशाक) बना रही है। भूमि पूजन के दिन रामलला अपने अनुज के साथ जो पोशाक पहनेंगे, वह सिलकर तैयार कर दी गई है। टेलर भगवत प्रसाद ने कहा कि भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आने से हम सभी लोग बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के बनने के बाद पहली बार बहुत पवित्र और शुभ दिन राम नगरी में आ रहे हैं। लंबे इन्तजार के बाद यह शुभ घड़ी आई है। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के लिए संघर्ष तब शुरू हुआ था, जब उनका जन्म भी नहीं हुआ था। अब उनका जीवन भगवान की पोशाक बनाने में ही बीतेगा। उन्होंने बताया कि जन्मभूमि में रामलला हर दिन अलग रंग की पोशाक पहनते हैं। रामलला को सोमवार के दिन सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं। हर दिन सुबह मंगला आरती के पहले भगवान राम और उनके अनुज के कपड़े बदले जाते हैं। टेलर भगवत लाल ने बताया कि रामलला के कपड़े बनाने में 1 दिन का समय लगता है। 11 मीटर के कपड़े में 7 सेट बनाने के लिए उनको सरकार से 3500 रुपये मिलते थे। उनका कहना है कि भक्त भी ठाकुरजी को भेंट करने के लिए अपनी तरफ से कपड़ा लाकर देते हैं। पोशाक सिलकर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास जी को दे दी जाती है। पुजारी दिन के हिसाब से रामलला को ये पोशाकें पहनाते हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए ट्रस्ट द्वारा अब व्यवस्था बदल दी गई है। अब उन्हें पोशााक बनाने केे पर्याप्त पैसे मिलेंगे। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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