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मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण से नाराज राजपूत समुदाय

लखनऊ, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उत्तर भारत के 9वीं शताब्दी के शासक मिहिर भोज की एक प्रतिमा का अनावरण करने के लिए दादरी की प्रस्तावित यात्रा ने राजपूतों को नाराज कर दिया है, जिन्होंने यात्रा के साथ आगे बढ़ने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री 22 सितंबर को गुर्जर नेता माने जाने वाले मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए दादरी जाने वाले हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि हमने सुना है कि मुख्यमंत्री सम्राट मिहिर भोज की एक प्रतिमा का उद्घाटन करने जा रहे हैं। हमें इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर मिहिर भोज को गुर्जरों के साथ जोड़ा जा रहा है, तो यह इतिहास को विकृत करने का प्रयास है क्योंकि वह क्षत्रिय राजपूत समुदाय से थे और वह गुर्जर नहीं थे। मुख्यमंत्री को ऐसे आयोजनों से दूर रहना चाहिए। दादरी से भाजपा विधायक तेजपाल नागर ने एक बयान में कहा कि मिहिर भोज गुर्जरों के पूर्वज थे। तंवर ने कहा कि हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में राजपूतों को उनके वंश से बदनाम करने के लिए इसी तरह के प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा कि सम्राट मिहिर भोज एक क्षत्रिय राजपूत थे। हम उत्तर प्रदेश में दो करोड़ से अधिक मजबूत मतदाता हैं और भाजपा के पारंपरिक मतदाता रहे हैं, लेकिन इस तरह के प्रयासों का समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर-प्रतिहार सम्राट के नाम से जाना जाता था। उनकी जाति प्रतिहार थी, जो एक राजपूत वंश है, इसका किसी अन्य जाति से कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री को इस तरह के दुष्प्रचार से दूर रहना चाहिए। सरकार को समझना चाहिए कि हमारी विरासत महत्वपूर्ण है। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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