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राजकोट: खोडलधाम में पाटीदारों की सियासी पैंतरेबाज़ी शुरू

- खोडलधाम में लेउवा-कड़वा समाज के नेताओं की बैठक राजकोट/अहमदाबाद, 12 जून (हि.स.)। गुजरात में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब हर पार्टी अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुट गई है। आज फिर खोदलधाम कागवाड़ में लेउवा-कड़वा पाटीदार समाज के नेताओं की बैठक हुई। इस संबंध में नरेश पटेल ने कहा कि केशुभाई पटेल जैसे नेता अभी मिले नहीं है। खोदलधाम कागवाड़ के अध्यक्ष नरेश पटेल ने कहा कि पाटीदार समाज की इच्छा है की अगला मुख्यमंत्री पाटीदार हो। जैसे ही बैठक की खबर बाहर आई, इसे लेकर राजनीतिक गर्माहट शुरू हो गई, जो एक बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत था। बैठक के बाद लेउवा और कदवा पाटीदार खोदलधाम मंदिर में झंडा फहराया गया। 12 जून को सुबह 10 बजे से खोदलधाम में कदवा और लेउवा पाटीदार समाज के ट्रस्टियों-नेताओं के बीच बैठक शुरू हो गई। बैठक में विश्व उमियाधाम ट्रस्ट-अहमदाबाद, उंझा, सिदसर, समस्त पाटीदार समाज-सूरत समेत सात संगठनों के नेता शामिल हुए। इस बीच नरेश पटेल ने कहा कि कुछ महीने पहले पाटीदार समुदाय के नेता मां उमिया को श्रद्धांजलि देने के लिए उंझा पहुंचे थे। उस समय हमारे भाइयों के साथ एक सभा हुई थी। कोरोना की दूसरी लहर के बाद बैठक नहीं हो सकी। आज की बैठक में समाज के विकास पर बात होगी और राजनीतिक चर्चा भी होगी। पाटीदार समाज के साथ अन्याय हुआ है तो उस पर भी चर्चा की जाएगी। नरेश पटेल ने आगे कहा कि चूंकि गुजरात में पाटीदार समुदाय बड़ी संख्या में रहता है, इस बैठक के दौरान हम सरकार और प्रशासन दोनों में पाटीदार समुदाय को अधिकतम स्थान देने के बारे में चर्चा करेंगे। हमारे अधिकारों पर चर्चा करने के बाद सरकार को सूचित किया जाएगा। किसी भी सीएम या किसी पार्टी को समर्थन देने का सवाल नहीं है लेकिन जिस पार्टी में हम पाटीदार हैं, उसका वर्चस्व बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा होगी। फिलहाल, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अध्यक्ष पद के लिए पाटीदारों पर चर्चा कर रहे हैं। चुनाव में पाटीदार किस पार्टी में होंगे, यह कहना मुश्किल है, क्योंकि 15 महीने में चुनाव होंगे। तब तक कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में कहीं न कहीं प्रशासन फेल हो गया है और यही आप सभी ने देखा है। गुजरात में कभी कोई तीसरा पक्ष नहीं रहा लेकिन जिस तरह से 'आप' अभी आगे बढ़ रही है, मुझे लगता है कि भविष्य में 'आप' का बोलबाला रहेगा। आप ने गुजरात में प्रवेश के बाद से बहुत अच्छा काम किया है और इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल दिख रहा है, क्योंकि इसकी कार्यशैली भी नेक है, लेकिन केशुभाई पटेल जैसे नेता अभी तक नहीं मिले हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी. आर पाटिल और भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव के बीच 15 जून को बैठक होनी है। बैठक 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियों के हिस्से के रूप में आयोजित की जाएगी लेकिन भाजपा की कोई योजना बनाने से पहले आज की बैठक ने एक बड़ी उथल-पुथल का संकेत देते हुए एक राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले जनवरी 2021 में यानी स्थानीय स्वशासन चुनाव से पहले उंझा उमियाधाम में कडवा और लेउवा पाटीदार समाज के नेता एक ही मंच पर आए थे। हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष शाह

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