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आर हरि कुमार बने पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडर

- चालीस साल सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए वाइस एडमिरल अजीत कुमार से लिया कार्यभार - चार्ज लेने के बाद वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने गौरव स्तम्भ स्मारक पर माल्यार्पण किया नई दिल्ली, 28 फरवरी (हि.स.)। पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में रविवार को वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने पदभार संभाल लिया है। उन्होंने यह कार्यभार वाइस एडमिरल अजीत कुमार से लिया है जो भारतीय नौसेना में चालीस साल तक शानदार करियर देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। नौसेना प्रवक्ता के मुताबिक पश्चिमी नौसेना कमान के मुख्यालय के कमांड पोस्ट में आज आयोजित एक समारोह में निवर्तमान और नए कमांडर-इन-चीफ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसके बाद नए फ्लैग ऑफिसर को औपचारिक रूप से बैटन सौंप दिया गया। कमान संभालने के बाद वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने गौरव स्तम्भ स्मारक पर माल्यार्पण किया। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे वाइस एडमिरल आर हरि कुमार को 01 जनवरी 1983 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक विनाशक और विमानवाहक पोत आईएनएस विराट सहित पांच जहाजों की कमान संभाली है। वह भारत में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के साथ ही सेशेल्स सरकार के नौसेना सलाहकार भी रहे हैं। प्रवक्ता के मुताबिक फ्लैग रैंक पर पदोन्नति पर वह गोवा में नौसेना युद्ध कॉलेज के कमांडेंट, फ्लैग ऑफिसर सी ट्रेनिंग, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट, वेस्टर्न नेवल कमांड में चीफ ऑफ स्टाफ, कंट्रोलर पर्सनेल सर्विसेज और एनएचक्यू में कार्मिक प्रमुख पद पर रहे हैं। वाइस एडमिरल आर हरि कुमार पश्चिमी नौसेना कमान के रूप में पदभार संभालने से पहले वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और परम विशिष्ट सेवा पदक मिल चुका है। निवर्तमान फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजीत कुमार आज नौसेना की सेवा से अलग हो गए। एडमिरल ने 31 जनवरी 19 को यह नौसेना कमान संभाली थी। वेस्टर्न नेवल कमांड ने अपने कार्यकाल के दौरान हिन्द महासागर क्षेत्र में पुलवामा हमले और गलवान संकट के बाद सुरक्षा स्थिति के विकास के जवाब में व्यापक परिचालन तैनाती देखी। इस अवधि के दौरान वेस्टर्न नेवल कमांड अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी मिशनों में भी सबसे आगे था। कोविड-19 महामारी के दौरान मिशन सागर I और II के दौरान विभिन्न देशों से भारतीय नागरिकों को निकाले जाने के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु चलाया गया। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत

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