यूएपीए कानून पर पंजाब में सियासी घमासान जारी, सीएम अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल आमने-सामने
यूएपीए कानून पर पंजाब में सियासी घमासान जारी, सीएम अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल आमने-सामने

यूएपीए कानून पर पंजाब में सियासी घमासान जारी, सीएम अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल आमने-सामने

पंजाब में यूएपीए कानून पर सियासी घमासान जारी है। यूएपीए कानून पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल आमने-सामने हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर कड़ा हमला किया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल धमकी न दें। उन्होंने कहा, वह पंजाब के नौजवानों को पुलिस के खिलाफ भड़का कर अलगाववादी ताकतों के हाथों की कठपुतली न बनाएं। अमरिंदर के इस बयान के बाद सुखबीर सिंह बादल ने पलटवार किया है। सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाली मानसिकता न दिखाएं। इसके बाद अमरिंदर ने सुखबीर बादल पर हमला बोलते हुए कहा कि धमकी न दें और न ही नौजवानों को भड़काने से बात लाएं। जानकारी के लिए बता दें कि अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के अंतर्गत हाल ही में की गई गिरफ्तारियों पर सुखबीर की कथित धमकी पर कैप्टन ने कहा कि वह पंजाब और देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लिए कानून के अनुरूप सभी तरह के कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, सुखबीर की धमकियां मुझे लोगों की सुरक्षा यकीनी बनाने से पीछे नहीं हटा सकती। अमरिंदर सिंह ने कहा कि बादल या तो यूएपीए के तहत गलत तरीके से हुई गिरफ्तारियों की जानकारी दें या फिर बेकार की बयानबाजी को बंद करें। पंजाब में अकाली और बीजेपी सरकार का समय याद दिलाते हुए कैप्टन ने कहा कि सुखबीर को ध्यान में रखना चाहिए कि उस वक्त इस एक्ट के अंतर्गत 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 2010 में 19 और 2017 में 12 मामले थे. 225 लोगों में से 120 को बरी कर दिया गया। कैप्टन ने कहा कि यह बेहद ही निंदनीय है कि शिअद अलगाववादी विचारधारा से जुड़े लोगों की पैरवी कर रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नापाक मंसूबों को देखते हुए सरकार कड़े कदम उठा रही है। कुछ ऐसी ताकतें हैं जो अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा दे गड़बड़ी करना चाहती हैं। कैप्टन ने कहा कि बादल को यह पता होना चाहिए कि एसएफजे को भारत सरकार कने गैर-कानूनी संस्था घोषित किया है।-newsindialive.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in