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प्रकांड विद्वान प्रो. रामयत्न शुक्ल को मिला पद्मश्री पुरस्कार, संतों ने जताया हर्ष

-काशी के तीन विभूतियों को मिला पद्म पुरस्कार वाराणसी, 26 जनवरी(हि.स.)। गणतंत्र दिवस पर धर्म नगरी काशी के तीन विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इसमें लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक रहे काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। दूसरा पद्मश्री पुरस्कार काशी के प्रकांड विद्वान व काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल को मिला है। तीसरा पद्मश्री सम्मान प्रगतिशील किसान चंद्रशेखर सिंह को दिया गया है। तीनों विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार मिलने से उनके परिजन गदगद है। काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल को पुरस्कार मिलने पर मंगलवार को संतों ने भी खुशी जताई । अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने प्रो. शुक्ल को बधाई दी। स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि काशी की विद्वत् परम्परा के देदीप्यमान नक्षत्र मध्य में आचार्य रामयत्न शुक्ल (अध्यक्ष श्री काशी विद्वत् परिषद )को सरकार ने पद्मश्री से विभूषित किया है। इसके लिए सरकार को साधुवाद। उन्होंने कहा कि प्रो. शुक्ल ने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, स्वामी गुरुशरणानन्द, रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जैसे सन्तों को पढ़ाया है और उनके गुरू है। ऐसे विद्यान को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने पर संत समाज भी गौरवान्वित है। बताते चले, प्रो. शुक्ल संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष रह चुके है। प्रो. शुक्ल उप्र नागकूप शास्त्रार्थ समिति व सनातन संस्कृत संवर्धन परिषद के संस्थापक भी हैं। उन्हें 1999 में राष्ट्रपति पुरस्कार, वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से केशव पुरस्कार, वर्ष 2005 में महामहोपाध्याय सहित कई पुरस्कार व सम्मान मिल चुका है। डोम राजा जगदीश चौधरी को मरणोपरान्त पद्मश्री से सम्मानित किये जाने पर उनके परिजनों ने भी सरकार का आभार जताया है। जब डोमराजा जगदीश चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक बनाया गया था । तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में खुशी जताई थी। उन्होंने कहा था कि अब जाकर हमारे समाज को अलग पहचान मिली है। पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें यह पहचान दी है। बरसों से हमारा समाज उपेक्षित रहा। अब गर्व की बात है कि मैं प्रधानमंत्री का प्रस्तावक बन सका। प्रधानमंत्री हमारी पीड़ा समझेंगे। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील किसान चंद्रशेखर सिंह मूल रूप से वाराणसी के जक्खिनी टंडिया गांव के निवासी है। जगतगंज रामकटोरा क्षेत्र में बीज व्यापार के बड़े नाम है। इनके लिए पुरस्कार दिलाने का प्रस्ताव काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने दिया था। जिसका समर्पन बीएचयू के पूर्व कुलपति और फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.पंजाब सिंह ने भी किया था। चंद्रशेखर सिंह ने अपने गांव में बीज प्रशंस्करण उत्पादन के तीन प्लांट भी स्थापित किया है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर-hindusthansamachar.in

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