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प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से कहा: मरीजों को परामर्श दें, जनता की भ्रांतियां दूर करें

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देशभर के डॉक्टरों से लोगों के मन में कोरोना महामारी को लेकर फैले डर, अफवाह और भ्रांतियां दूर करने को कहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना मरीजों को अस्पताल में उपचार के साथ परामर्श भी दिया जाना चाहिए ताकि वे घबरायें नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन हमारे पास सबसे बड़ा हथियार है। डॉक्टर अपने ज्यादा से ज्यादा मरीजों को वैक्सीन की डोज दिलवाएं। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के डॉक्टरों से कोविड-19 से जुड़े मुद्दों और वैक्सीनेशन के संदर्भ में बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी बात रख रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान डॉक्टरों, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले साल डॉक्टर के परिश्रम और रणनीति से देश महामारी पर नियंत्रण पाने में कामयाब रहा था। इस समय भारत दूसरी लहर से गुजर रहा है। सभी डॉक्टर और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा महामारी से अपनी पूर्ण क्षमता के अनुसार लड़ रहे हैं और देश के लाखों लोगों की जीवन रक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में आवश्यक दवाओं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। साथ ही राज्य सरकारों को इस संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय मुश्किल हालात हैं। अभी सबसे जरूरी है कि लोग घबराहट का शिकार ना हों। सही उपचार के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का उचित परामर्श भी दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने उन्हें यह भी सुझाव दिया कि आवश्यक न हो तो अन्य बीमारियों के इलाज के लिए टेली मेडिसन का उपयोग किया जाए। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि महामारी दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में बड़ी तेजी से फैल रही है। इन शहरों में संसाधनों को उन्नयन किए जाने की गति में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वह इन शहरों में काम कर रहे अपने साथियों को ऑनलाइन परामर्श देने और सभी जरूरी प्रोटोकॉल की जानकारी दें। इस दौरान डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री से कोविड-19 महामारी से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री का कोरोना महामारी के दौरान देश का नेतृत्व करने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही इस बात की जानकारी दी कि कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कोविड के अलावा अन्य रोग ग्रस्त मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। इस बात को भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखा गया कि दवाओं के गलत उपयोग के बारे में मरीजों को संवेदनशील बनाया जाना बेहद जरूरी है। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंत्रालय में उनके सहयोगी अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय मंत्री रसायन व उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा व उनके मंत्रालय सहयोगी मनसुख मंडाविया, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग से डॉ वीके, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, केंद्रीय औषधि सचिव, आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव और अन्य मंत्रालयों व विभागों के अधिकारी शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप

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