प्रधानमंत्री ने पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर के न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड राष्ट्र को समर्पित किया

Prime Minister dedicates New Rewari-New Madar Block of Western Freight Corridor to the nation
Prime Minister dedicates New Rewari-New Madar Block of Western Freight Corridor to the nation

- दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को भी दिखाई हरी झंडी - 306 किलोमीटर लम्बा न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड 5800 करोड़ रुपये की लागत से हुआ तैयार नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को ‘मालगाड़ियों के लिए पृथक गलियारे’ की दूसरी सौगात देते हुए गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के 306 किलोमीटर लम्बे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलने वाली दुनिया की पहली डबल स्टैक (1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन) को भी हरी झंडी दिखाई। रेल मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रेलवे 81 हजार करोड़ की लागत से दो फ्रेट कॉरिडोर तैयार कर रहा है। इसमें वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1506 किमी लम्बा है। वह जेएनपीटी मुंबई को दादरी उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा। डब्ल्यूडीएफसी के 306 किलोमीटर लम्बे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड 5800 करोड़ रुपये की लागत से बन कर तैयार हुआ है। वहीं ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) 1875 किमी लम्बा है। यह लुधियाना पंजाब को दानकुनी पश्चिम बंगाल से जोड़ेगा। ईडीएफसी का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन उत्तर प्रदेश में स्थित है और इसे 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस पर मालगाड़ियों ने 90 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ना शुरू कर दिया है। डब्ल्यूडीएफसी का न्यू रेवाड़ी - न्यू मदार खंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का न्यू रेवाड़ी - न्यू मदार खंड हरियाणा (महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों में लगभग 79 किलोमीटर) और राजस्थान (जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों में लगभग 227 किलोमीटर) स्थित है। इसमें नौ नव निर्मित डीएफसी स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से छह न्यू डबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पचार मलिकपुर, न्यू सकून और न्यू किशनगढ़-क्रॉसिंग स्टेशन हैं जबकि अन्य तीन न्यू रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फुलेरा जंक्शन स्टेशन हैं। दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व राजस्थान को मिलेगा लाभ इस खंड के शुरू होने से राजस्थान और हरियाणा के रेवाड़ी- मानेसर, नारनौल, फुलेरा और किशनगढ़ इलाके में स्थित विभिन्न उद्योगों को लाभ होगा और यह काठुवास में स्थित कॉनकोर के कंटेनर डिपो के बेहतर इस्तेमाल को भी संभव बनाएगा। यह खंड गुजरात में स्थित कांडला, पिपावाव, मुंधरा और दाहेज के पश्चिमी बंदरगाहों के साथ निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करेगा। इस खंड के उद्घाटन के साथ, डब्ल्यूडीएफसी और ईडीएफसी के बीच निर्बाध संपर्क संभव हो जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने 29 दिसम्बर 2020 को ईडीएफसी के 351 किलोमीटर लंबेन्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड को देश को समर्पित किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

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